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कोरोना वायरस: बिहार में घर से निकलने पर मास्क पहनना होगा अनिवार्य

उल्लेखनीय है कि बिहार में पहला कोरोना संक्रमण का मामला 21 मार्च को सामने आया था और अबतक 170 कोविड-19 मरीज प्रदेश में सामने आ चुके हैं तथा दो लोगों की मौत हो चुकी है.

Updated on: 24 Apr 2020, 10:01 AM

पटना:

बिहार सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अब घर से निकलने वालों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस की आपदा के समय सरकार की ओर से इसकी रोकथाम एवं उपचार के लिए अथक कार्य किये जा रहे हैं. हालांकि प्रायः रोजाना कोरोना संक्रमण के नये मामले सामने आ रहे हैं.

आदेश में कहा गया कि प्राय: यह देखने में आ रहा है कि कई लोग इस संक्रमण काल में भी बिना मास्क लगाए घरों से बाहर निकलते हैं. इस स्थिति में न केवल वे स्वयं संक्रमित हो सकते हैं बल्कि अपने आसपास के लोगों में भी संक्रमण फैला सकते हैं. कुमार ने आदेश में कहा, 'उक्त परिप्रेक्ष्य में महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत तथा 2020 के बिहार महामारी रोग कोविड-19 अधिनियम में प्रदत्त शक्ति के तहत यह आदेश दिया जाता है कि घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए अन्यथा इस आदेश की अवहेलना के आलोक में संबंधित व्यक्ति दंड के भागी होंगे.'

आदेश में कहा गया है कि इसलिए सभी आमजनों, फल बेचने वाले, सब्जी बेचने वाले, सफाई कर्मी, किराना दुकानदार, सुधा डेयरी, दवा के दुकानदार एवं वहां के कर्मी तथा साथ ही उन दुकानों में आवश्यक सामग्रियों के क्रय करने के लिए जाने वाले सभी व्यक्तियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है. इस क्रम में यह भी विदित हो कि एन-95 मास्क के अतिरिक्त सामान्य दोहरे कपड़े से घर में सिले हुए, जीविका समूहों एवं अन्य समरूप समूहों द्वारा तैयार किए गए मास्क भी संक्रमण को रोकने के लिए काफी कारगर हैं.

यहां यह भी स्पष्ट किया जाता है कि एन-95 मास्क कोविड-19 की जांच एवं चिकित्सा में संलग्न चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मियों के लिए आवश्यक है. शेष पदाधिकारी, कर्मचारी एवं आम नागरिकों के लिए तीन परत वाले मास्क अथवा कपड़े के दो परत वाले मास्क काफी उपयोगी हैं. कपड़े से बने मास्क की सफाई कर उसे पुनः उपयोग में लाया जा सकता है.

आदेश में कहा गया है कि सभी जिला पदाधिकारी, सभी वरीय आरक्षी अधीक्षक, आरक्षी अधीक्षक एवं समी सिविल सर्जन अपने जिले में इस आदेश का अनुपालन कराना सुनिश्चित करेंगे. उल्लेखनीय है कि बिहार में पहला कोरोना संक्रमण का मामला 21 मार्च को सामने आया था और अबतक 170 कोविड-19 मरीज प्रदेश में सामने आ चुके हैं तथा दो लोगों की मौत हो चुकी है.