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COVID 19: गरीबों के साधन गमछे का उड़ाया जा रहा मजाक, बोले मोदी

बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm narendra modi) भी गमछा से बने मास्क को पहने नजर आए थे, जिस पर अब सियासत हो रही है.

Updated on: 13 Apr 2020, 10:34 AM

पटना:

गांव देहात में तपती धूफ में पसीना पौंछने, बारिश में सिर ढंकने और ठंड में कान बांधने के काम आने वाला गमछा अब महामारी कोरोना वायरस (COVID 19) में मास्क के विकल्प के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm narendra modi) भी गमछा से बने मास्क को पहने नजर आए थे, जिस पर अब सियासत हो रही है. विपक्षी दलों ने इस पर सवाल खड़े किए तो भारतीय जनता पार्टी के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil kumar modi) ने इनको जवाब दिया.

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सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'बिहार के लोग जिस गमछे का इस्तेमाल करते रहे हैं, वह कोरोना संक्रमण के दौर में मास्क के रूप में भी उपयोगी है, लेकिन गरीबों के इस साधन का मजाक उड़ाया जा रहा है. प्रधानमंत्री के लिट्टी-चोखा खाने से जिनके पेट में दर्द हुआ, उन्हें उनके गमछा लपेटने से सियासी जुकाम हो रहा है.' उन्होंने कहा, 'गरीबों के भोजन और पहनावे से चिढ़ने वाले क्या केवल उनके थोक वोट पाना चाहते हैं.'

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बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने पीएम के गमछा लगाने पर तंज कसते हुए कहा था, 'और वेंटिलेटर ना मिले तो खटिया का और PPE किट ना मिले तो रेन कोट का उपयोग करे, है ना? बिहार में लाखों हथकरघा बुनकर है. सरकार ने मास्क निर्माण मे इनकी सेवाएं क्यों नहीं ली? आपके द्वारा मास्क उपलब्ध नहीं कराने पर आपकी सलाह बिना ही बिहारी अपनी शान-पहचान के प्रतीक गमछे का उपयोग कर रहे हैं.'

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