आलोक मेहता का विवादित बया( Photo Credit : फाइल फोटो)
Bihar Breaking: बिहार में महागठबंधन की सरकार है और महागठबंधन के मंत्री लगातार विवादित बयान देते नजर आ रहे हैं. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देते हुए इसे नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था. जिसके बाद जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने एक सभा को आयोजित करते हुए भड़काऊ भाषण देते हुए पूरे शहर को कर्बला बनाने की धमकी दे डाली थी. वहीं अब बिहार सरकार के राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने दस फीसदी आरक्षण पाने वाले को अंग्रेजों का दलाल बताया है. आलोक मेहता शनिवार को भागलपुर में गोराडीह प्रखंड के में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विवादित बयान दिया.
10 प्रतिशत आरक्षण वाले अंग्रेजों के दलाल भाषण देते हुए आलोक मेहता ने कहा कि वो जमाना था, जब हमारे और आपके बाप-दादाओं को बड़हिया के सड़कों पर चप्पल पहन कर चलना मना था. इतना ही नहीं उन्हें खट्टियों पर बैठना मना था और वो कुछ बोल नहीं पाते थे. बोलने वालों की जुबान काट दी जाती थी. आजादी के पहले अंग्रेजों के साए में जो तबका जीता था, जगदेव बाबू उसी 90 प्रतिशत का हिस्सा है. पहले अंग्रेजों ने हमारे बाप-दादाओं का शोषण किया फिर अंग्रेजों के दलालों ने उनका शोषण किया, जिन्हें जगदेव बाबू ने 10 प्रतिशत का हिस्सा बताते थे. उन्हीं लोगों के पास सारी जमीन हैं.
जमीनी विवाद में बिहार में 50 फीसदी हत्याएं मैं राजस्व और भूमि सुधार मंत्री हूं. मैं देख रहा हूं, खातियान के देख रहा हूं. बहुत से लोगों को अंग्रेजों की दलाली के एवज में या जब अंग्रेज जा रहे थे तो मुफ्त में सैकड़ों एकड़ जमीन लिखकर चले गए. जिनको जमीन, भूमि नहीं थी, मेहनतकस किसान व मजदूर उनके शिकार थे, जिनके पास से जमीने नहीं थी. आज भी जमीन महत्वपूर्ण हिस्सा है. जिसकी वजह से आधी समस्याएं है. बिहार में 50 फीसदी से ज्यादा हत्याएं जमीन विवाद में होता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मंदिर में घंटी बजाने वाले लोग सत्ता संभाल रहे हैं.