Nitish Cabinet Expansion: CBI रेड... तेजस्वी यादव और बैकफुट पर कांग्रेस!
सीएम नीतीस के बयान को लेकर कांग्रेस ने हमला बोला था और कहा था कि सीएम के पास कैबिनेट विस्तार का अधिकार होता है, ना कि डिप्टी सीएम के पास.
highlights
- तेजेस्वी पर सीबीआई एक्शन से बैकफुट पर कांग्रेस
- कहा-कैबिनेट विस्तार जब करना होंगा CM करेंगे
- अभी कैबिनेट विस्ता कोई बड़ा मुद्दा नहीं-कांग्रेस
Patna:
सीबीआई द्वारा बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बार-बार समन भेजे जाने के बाद कांग्रेस के भी सुर बदल गए हैं. दरअसल, अब कांग्रेस ने कहा है कि बिहार कैबिनेट का विस्तान मुख्यमंत्री का अधिकार है और जब सीएम चाहेंगे तब कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा, कांग्रेस को कोई जल्दी नहीं है. इससे पहले कांग्रेस ये सवाल खड़ी करती थी कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर कैबिनेट विस्तार के मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार जिम्मेदारी कैसे दे सकते हैं? दरअसल, सीएम नीतीश ने कैबिनेट विस्तार से जुड़े मामलों का जवाब देते हुए कहा था कि जब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव चाहेंगे और जिनका नाम वो कैबिनेट मंत्री के तौर पर आगे करेंगे उसे मंत्री बना दिया जाएगा. सीएम नीतीस के बयान को लेकर कांग्रेस ने हमला बोला था और कहा था कि सीएम के पास कैबिनेट विस्तार का अधिकार होता है, ना कि डिप्टी सीएम के पास.
हाल के कुछ दिनों पहले तक कांग्रेस से नीतीश कैबिनेट में दो-तीन मंत्री बनाए जाने की मांग करने वाले पार्टी कांग्रेस अब अपने बयान से पलट गई है और बैकफुट पर आ गई है. अब कांग्रेस कह रही है कि कैबिनेट विस्तार कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, जब जरूरत होगा तो इसपर विचार किया जाएगा और ये सीएम का अधिकार है कि वह किसे कैबिनेट में जगह देते हैं. विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने अब कहा है कि कैबिनेट विस्तार कोई बड़ी बात नहीं है. महागठबंधन सरकार के सभी मंत्री अपना काम कर रहे हैं और सबकी जिम्मेदारी सदन को सुचारू रूप से चलाने की है। रही बात कैबिनेट विस्तार की तो कैबिनेट विस्तार करने का फैसला सीएम को लेना होता है. उनको जब फैसला करना होगा करेंगे ही.
ये भी पढ़ें-कैबिनेट विस्तार का फैसला लेंगे अब तेजस्वी, कांग्रेस बोली - डिप्टी सीएम का ये अधिकार नहीं
कांग्रेस से केवल 2 विधायक ही बने थे मंत्री
अगस्त 2022 में जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी थी, तब आरजेडी कोटे से तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बनाया गया था. विधायकों की संख्या के हिसाब से आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है, जिससे देखते हुए आरजेडी के 16 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन फिर बाद में जब मंत्रियों को लेकर सवाल खड़े हुए तो सुधाकर सिंह और कार्तिक कुमार को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया. इसके अलावा जेडीयू से 11, कांग्रेस से 2, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा से 1 और एक निर्दलीय विधायक मंत्री बने थे.
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