स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की स्थिति दयनीय, खतरे में बच्चों का भविष्य
बिहार में छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा दिलाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की 2 अक्टूबर, 2016 को शुरुआत की गई.
highlights
- स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की स्थिति दयनीय
- खतरे में बच्चों का भविष्य
- अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब
Samastipur:
बिहार में छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा दिलाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की 2 अक्टूबर, 2016 को शुरुआत की गई. इस योजना के तहत वैसे छात्र जो उच्च शिक्षा पाने में असमर्थ हैं, उन्हें बैंकों के माध्यम से लोन उपलब्ध कराना है. छात्रों को कॉलेज फीस, हॉस्टल फीस, ट्यूशन फीस और किताब खरीदने को लेकर अधिकतम 4 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करायी जाती है. इस योजना में किसी तरह का ब्याज नहीं देना पड़ता है, लेकिन बिहार में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की स्थिति दयनीय है. यहां छात्र महीनों से डीआरसीसी के चक्कर लगा रहे हैं. योजना के तहत सबसे ज्यादा परेशानी फार्मेसी में पढ़ने वाले बच्चों को हो रही है. सूबे में लगभग 57 प्राइवेट कॉलेज में फार्मेसी की पढ़ाई होती है.
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स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की स्थिति दयनीय
सत्र 2021-2025 और 2022- 2026 के तकरीबन 12500 छात्र-छात्राएं इस योजना का लाभ पाने के लिए डीआरसीसी पटना और समस्तीपुर का चक्कर लगा रहे हैं. छात्र और उनके अभिवावकों का बताना है कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना सीएम नीतीश कुमार के द्वारा शुरू की गई काफी महत्वपूर्ण योजना है. इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को उच्च शिक्षा में काफी मदद मिल सकती थी, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
खतरे में बच्चों का भविष्य
अभिभावक का कहना है कि इसी योजना की उम्मीद पर ही उन्होंने बच्चों को उच्च शिक्षक के लिए कॉलेज में दाखिला दिलाया था, लेकिन राशि का भुगतान नहीं होने से अब उनके ऊपर आर्थिक संकट मंडराने लगा है. समय पर कॉलेज फीस नहीं देने से उनके तरफ से भी दबाव बनाया जा रहा है. ऐसे में उनके सामने मुश्किल खड़ी हो गई है. कॉलेज प्रबंधकों की मानें तो फार्मेसी कोर्स चला रहे संस्थानों को स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया एवं आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्धता लेना होता है.
अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब
इस बीच में सरकार के द्वारा संस्थानों को स्थानीय किसी भी विश्वविद्यालय से संबद्धता लेने का आदेश जारी किया था. बाद में फिर उन्हें आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्धता लेना अनिवार्य कर दिया गया. बिहार क्रेडिट कार्ड योजना विभाग के संयुक्त सचिव सह नोडल पदाधिकारी के द्वारा जारी 19 जुलाई, 2023 जारी पत्र में वैसे संस्थान है, जिन्होंने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्धता नहीं ली है, उनके पेमेंट पर तत्काल रोक लगा दिया. वहीं, सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि बिहार सरकार के द्वारा तय किए गए सभी मानकों को पूरा करने के बावजूद भी ऐसे कई संस्थानों का पेमेंट रोक दिया गया है. जिस वजह से छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. वहीं, इस मामले में शिक्षा विभाग और डीआरसीसी के कोई भी अधिकारी कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं.
रिपोर्टर- मंटून रॉय
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