मधेपुरा: SHO सदर से त्रस्त असहाय महिला ने न्याय के लिए खटखटाया SP का दरवाजा

बिहार में कहने को तो सुशासन बाबू का राज है लेकिन, इसी सुशासन के राज में जिले के सदर थाना, मधेपुरा में फरियाद लेकर पहुंचे फरियादियों को उल्टे पांव लौटा दिया जाता है.

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Shailendra Shukla
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पुलिस नहीं सुन रही गरीब परिवार की फरियाद( Photo Credit : न्यूज स्टेट बिहार झारखंड)

मधेपुरा में गरीबों और अमीरों के लिए अलग-अलग न्याय व्यवस्था है. सुनकर आपको अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन यही कड़वी व जमीनी सच्चाई है. मधेपुरा में एक फरियादी महीनों तक सरकारी अफसरों के कार्यालय के चक्कर काटता रहता है और परेशान रहता है लेकिन आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों का या फिर कहें कि पहुंच रखनेवाले लोगों को न्याय मिलने में तनिक भी देरी नहीं लगती. बिहार में कहने को तो सुशासन बाबू का राज है लेकिन, इसी सुशासन के राज में जिले के सदर थाना, मधेपुरा में फरियाद लेकर पहुंचे फरियादियों को उल्टे पांव लौटा दिया जाता है. सदर थाना, मधेपुरा का आलम यह है कि थाने में मामला दर्ज कराने की गुहार लेकर जब कोई पीड़ित परिवार पहुंचते हैं तो उन्हें घंटो- घंटो बैठकर थाना प्रभारी के आने का इंतजार करना पड़ता हैं. 

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ताजा मामले में एक पीड़िता ने थाना प्रभारी पर आरोप लगाते हुए कहा  कि सदर थाना, मधेपुरा में शिकायत दर्ज करने के एवज में फरियादीयों से 10 से 15 हजार रुपए की मांग की जाती है. जिससे गरीब तबके के लोग इतनी मोटी रकम देने से इंकार कर देते हैं, तो उनका थाने में शिकायत दर्ज नहीं किया जाता है. अगर इन आरोपों में सच्चाई है तो आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि सुशासन बाबू के राज में अपराधी प्रवृत्ति व पैसे वाले लोगों का राज  है और गरीबों व कमजोरों की सुनने वाला कोई नहीं है.

गरीब परिवार की नहीं सुनी गई फरियाद

मामला मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 9 की है. जहां आस पास के ही कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोगों के द्वारा गरीब एवं असहाय परिवार को  परेशान किया जा रहा है. अपनी परेशानी को लेकर पीड़ित महिला रंभा देवी, रीना देवी, पुत्री मनीषा कुमारी ने सदर थाना पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई लेकिन थाना प्रभारी ने इस पीड़िता की न्याय की गुहार को ठुकराते हुए 10 से 15  रुपए की मांग की. पीड़िता के पैसे नहीं थे लिहाजा उसकी फरियाद नहीं सुनी गई और ना ही एफ.आई.आर दर्ज की गई. 

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एसपी भी नहीं सुन रहे फरियाद

पीड़िता ने बताया कि पड़ोस के ही वकील साह, प्रदीप साह,अमरदीप साह, चंदन साह एवं उनके अन्य सहयोगी के द्वारा बार-बार मारपीट एवं झूठे मुकदमा में फसाकर उसे प्रताड़ित कर रहे हैं. इस मामले में पुलिस भी अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को भरपूर साथ देती है. पीड़िता ने बताया कि इस मामले को लेकर पहले भी सदर थाना से लेकर एसपी तक को आवेदन दे दे देकर थक चुकी हूं लेकिन आज तक मुझे कोई इन्साफ नहीं मिल पाई है. तंग होकर पीड़िता ने फिर एक बार एसपी के पास पहुंच कर लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.

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केस वापस लेने का पीड़ित पर बनाया जा रहा दवाब

एसपी के समक्ष दिए गए प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने कहा है कि मेरे पति और पुत्र सुबह में करीब 8:00 बजे दुकान पर काम करने चले जाते हैं तथा रात में 9:30 में दुकान बंद कर घर वापस लौटते हैं. इसके पूर्व में भी मैनें एक मुकदमा किया था जिसका काण्ड संख्या-284/2021 है जो मेरे पति और मेरे विकलांग बेटे को फरसा से सिर पर विपक्षियों द्वारा मारा गया था. उक्त केस को वापस लेने तथा मेल करने के उद्देश्य से बार-बार उसपर दबाव बनाया जा रहा है. मना करने पर मेरे परिवार के साथ मारपीट किया जाता है.

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फर्जी मुकदमें में फंसाकर किया जाता है प्रताड़ित

पीड़िता के मुताबिक उसके पुत्र राजीव साह जो हाथ से विकलांग है, जो अपने घर के सामने सड़क के किनारे खड़ा था, उसके साथ भी बुरी तरीके से मारपीट की गई और उसका सिर फोड़ दिया गया था. इतना ही नहीं उसके जेब में रखे पैसे भी छीन लिए गए थे और उसकी पत्नी को मारा पीटा गया व उसे नग्न कर दिया गया था. उसकी पत्नी के आभूषण भी विपक्षियों द्वारा छीन लिए गए थे. उक्त केस में मेल करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जो दबाव बनाने के लिए ही बार - बार मेरे पति, बहू, पुत्री व पुत्र के साथ मारपीट कर जख्मी कर दिया जाता है. इससे भी बात नहीं बनती है तो डायन कह कर मारपीट करते हुए झूठा मुकदमा में फंसा देता है.

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पीड़िता ने आरोप लगाया है कि अपराधी प्रवृत्ति के लोगों का सदर थाना प्रभारी से काफी सांठगांठ है. जिसके कारण अपराधी का मनोबल चरम पर है. इसलिए बार-बार हम लोगों के परिवार के साथ मारपीट करते  रहते हैं.  पीड़िता ने यह भी कहा कि दुकान के अगल बगल के काफी लोगों ने देखा है, इतना ही नही दुकान के आगे सड़क किनारे नगर परिषद द्वारा लगाए गए सी.सी.टी.वी. केमरा लगा है. दर्शाए गए घटना के समय में मेरे पति एवं पुत्र की मौजूदगी दुकान पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, यह मुकदमा सरासर झुठा व बनावटी है जो स्थानीय पुलिस के सहियोग से किया गया है, इसमें तनीक भी सच्चाई नहीं है हजूर. हमलोगों के जीवन यापन का मात्र सहारा सिलाई से होने वाली आमदनी है. जिससे वे लोग बंद करा कर हमारे ऊपर दबाव बनाना चाहते है.

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पीड़िता के मुताबिक, विपक्षियों के मुताबिक नहीं चलने पर उन्हीं  लोगों के द्वारा मारपीट किया जाता है और उन्ही लोगों द्वारा सदर थाना प्रभारी के सांठगांठ से झूठा मुकदमा करके पूरे परिवार फंसा दिया जाता है. मेरे परिवार के आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से ना तो समय से बेल करा पाते और ना ही इलाज करा पाते हैं. जहां इन अपराध प्रवृति के लोगों के तंग से पूरे परिवार के सदस्यों का जीवन जीने को मजबूर हैं.

रिपोर्ट: रूपेश कुमार

HIGHLIGHTS

  • सदर थाना प्रभारी नहीं सुनते गरीबों की फरियाद
  • FIR दर्ज करने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप
  • बदमाश मुकदमा वापस लेने का पीड़ित पर बना रहे दवाब
  • एसपी से पीड़ित परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

Source : News State Bihar Jharkhand

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