logo-image

बिहार में 'माननीयों' पर की टिप्पणी तो होगी जेल, पुलिस ने जारी की चेतावनी वाली चिट्ठी...पढ़ लीजिए यहां

अगर आप बिहार में रहते हैं तो यह खबर जानना आपके लिए बेहद ही जरूरी है. सोशल मीडिया पर माननीयों को आपने कोई भी पोस्ट किया तो आपको जेल जाना पड़ सकता है.

Updated on: 22 Jan 2021, 02:14 PM

पटना:

अगर आप बिहार में रहते हैं तो यह खबर जानना आपके लिए बेहद ही जरूरी है. बिहार में अगर आप सोशल मीडिया यानी फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम पर बिहार सरकार के किसी मंत्री, सांसद, विधायक या सरकारी अफसरों के खिलाफ आपत्तिजनक या अभद्र टिप्पणी करते हुए तो अब यह आपके लिए महंग पड़ेगा. यहां तक की सोशल मीडिया पर माननीयों को आपने कोई भी पोस्ट किया तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है. इतना ही नहीं झूठ या भ्रम फैलाने वाले पोस्ट करने वाले लोगों, समूह और संस्था भी जांच दायरे में आएंगी.

यह भी पढ़ें: लालू यादव की हालत गंभीर, नहीं ले पा रहे सांस

दरअसल, बिहार पुलिस ने चेतावनी वाली चिट्ठी जारी की है. जिसके तहत अब अगर आप राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायक या सरकारी अफसर के खिलाफ सोशल मीडिया पर अगर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं तो आप पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. माननीयों के खिलाफ पोस्ट लिखने वालों पर आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने इसको लेकर सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को पत्र भेजा है.

Bihar Police Letter

इस पत्र में लिखा गया है, 'ऐसी सूचना लगातार सामने आ रही हैं कि सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार, मंत्री, सांसद, विधायक और सरकारी अधिकारियों के संबंध में आपत्तिजनक, अभद्र और भ्रांतिपूर्ण टिप्पणियां की जाती हैं. यह विधि विरूद्ध एवं कानून के प्रतिकूल है तथा साइबर अपराध की श्रेणी में आता है. इस कृत के लिए ऐसे व्यक्तियों, समूहों के विरूद्ध कार्रवाई किया जाना समीचीन प्रतीत होता है.' पत्र में सभी विभागों के मुख्य सचिवों को सूचित करते हुए लिखा गया है, 'ऐसे मामले संज्ञान में आने पर आर्थिक अपराध इकाई को सूचित कराएं ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.'

यह भी पढ़ें: नीतीश कैबिनेट का 1 से 2 दिन में हो सकता है विस्तार, शाहनवाज समेत ये बनेंगे मंत्री!

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर भ्रामक और नकारात्मक खबरों पर आपत्ति जताते हुए पुलिस अफसरों को इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे. मुख्यमंत्री ने पुलिस मुख्यालय में समीक्षा बैठक की थी, जिसमें पुलिस विभाग को सोशल मीडिया के माध्यम से सही जानकारी देने को कहा था. मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद यह चिट्ठी लिखी गई. हालांकि राज्य में इसको लेकर सियासी हंगामा देखने को मिल सकता है.