सीतामढ़ी जिले के पुपरी में स्थित नागेश्वर नाथ धाम मंदिर की महिमा अपरंपार है. यहां पूजा के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. सीतामढ़ी शहर से 20 किलोमीटर दूर पुपरी में स्थित नागेश्वर नाथ मंदिर की पौराणिक मान्यता है. माना जाता है कि धरती के गर्भ से शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी. इस मंदिर का इतिहास काफी पौराणिक है और लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है. बताया जाता है कि यहां प्रत्येक दिन शिव जी के ऊपर जलाभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
मंदिर को लेकर हुआ था विवाद
शिवरात्रि एवं सावन के महीनों में यहां भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है और आस्था तथा भक्ति के साथ लोग यहां शिव जी की पूजा करने आते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां संतान प्राप्ति के लिए भी श्रद्धालु पहुंचते हैं और उनकी मन्नते पूरी होती है. बताया जाता है कि यह नागेश्वर नाथ बाबा मंदिर आसपास के इलाकों के लिए आस्था का एक केंद्र बिंदु है. जहां तमाम तरह के श्रद्धालु शिवजी पर जलाभिषेक के लिए आते हैं और उनकी मनचाही इच्छा भी पूरी होती है. बताया जाता है कि जब यहा शिव लिंग की उत्पत्ति हुई थी. उस समय एक विवाद भी उत्पन्न हुआ था. जिसके बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पुपरी आना पड़ा था और यहां आने के बाद मामला शांत हुआ था.
नये भव्य मंदिर का कराया जा रहा निर्माण
फिलहाल इस मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य जारी है. अब पुरानी मंदिर के भवन को तोड़कर नये भव्य मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. मंदिर में पूजा के लिए पहुंचे श्रद्धालु बताते हैं कि यहां आने पर लोगों की सारी मन्नते पूरी होती है और बाबा नागेश्वर नाथ सभी को मनचाहा वरदान देते हैं. यहां जलाभिषेक के लिए भक्तों की लंबी कतार लगती है.
रिपोर्ट - आनंद बिहारी सिंह
HIGHLIGHTS
- नागेश्वर नाथ धाम मंदिर की महिमा है अपरंपार
- पूजा के लिए भक्तों की उमड़ती है भीड़
- धरती के गर्भ से शिवलिंग की हुई थी उत्पत्ति
- नये भव्य मंदिर का कराया जा रहा है निर्माण
Source : News State Bihar Jharkhand