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CM नीतीश को याद आए कॉलेज के दिन, कहा- लड़की आती थी, तो उचककर देख लेते थे

भारत के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की जयंती को बिहार में शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया गया.

Updated on: 11 Nov 2022, 06:15 PM

Patna:

भारत के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की जयंती को बिहार में शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया गया. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने  युवाओं को संबोधित करते हुए कई सुझाव भी दिए. सीएम नीतीश ने बताया कि कैसे मौजूदा समय में युवा मोबाइल एडिक्‍शन में फंसते चले जा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोबाइल पर अच्छी चीजों के लिए समय देना ठीक है लेकिन उसी पर निर्भर हो जाना ठीक नहीं है. हमें अपने आसपास के लोगों से मिलना-जुलना और बात करना चाहिए. इसके साथ ही सीएम ने बताया कि जब उन्‍होंने लोगों में मोबाइल की बढ़ती लत को देखा, तो इसका इस्‍तेमाल करना बंद कर दिया.

लड़की आती थी, तो उचककर देखते थे लोग 
इसके साथ ही युवाओं के साथ मुख्यमंत्री जी ने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे जब वह कॉलेज में थे और कोई लड़की आती थी तो सभी लोग उचक-उचक कर देखने लगते थे. वहीं आज शिक्षा के क्षेत्र में बिहार की लड़कियां, लड़कों की बराबरी कर रही हैं और कई क्षेत्रों में आगे निकल गई हैं.

लड़कियों के उत्थान के लिए नीतीश ने किए कई काम
सीएम की बातों से यह तो स्पष्ट है कि कैसे उन्होंने बिहार के पुराने दिनों और मौजूदा समय की तुलना कर लड़की शिक्षा को बढ़ावा दिया है. बता दें कि नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता में आते ही सबसे पहले बच्चियों के लिए साइकिल और पोशाक जैसी योजनाएं चलाई ताकि लड़कियां घर से निकलकर स्कूल जा सके. वहीं इसके साथ ही महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी, ग्राम पंचायत में 50 फीसदी आरक्षण दिया. इसके साथ ही जब 2015 में वापिस से नीतीश को सत्ता मिला तो उन्होंने बिहार में पूर्ण रुप से शराबबंदी के साथ ही दहेज बंदी कानून भी लागू किया. नीतीश सरकार ने ग्रेजुएट लड़कियों को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही बिहार राज्य में महिलाओं के सामाजिक उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है और लागू करने की तैयारी की जा रही है.