CM नीतीश कुमार बोले- जाति के आधार पर होनी चाहिए जनगणना
जदयू कार्यालय में बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुकालात की. बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बजट सत्र में पूर्व के तरीके से ही कार्यवाही की जाएगी.
नई दिल्ली:
जदयू कार्यालय में बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुकालात की. बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बजट सत्र में पूर्व के तरीके से ही कार्यवाही की जाएगी. लोगों को सचेत रहने को कहा गया है. एक बार फिर कोरोना की स्थिति में सुधार आया है, आगे और सुधार होगा. अगर सब लोग सचेत रहेंगे तो किसी को कोई समस्या नहीं होगी. आरक्षण पर सीएम नीतीश ने कहा कि आरक्षण का जो प्रावधान है वही रहेगा. केंद्र और राज्य में जो नियम लागू है. आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया गया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं बिहार का फार्मूला केंद्र में भी लागू हो. पिछड़े कोटे में अति पिछड़ा को भी अलग से आरक्षण मिले. भी केंद्र में सिर्फ पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिल रहा है. लोजपा सांसद चंदन सिंह और सीपीआई नेता कन्हैया से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि जिनसे भी मुलाकात हुई उनके क्षेत्र की समस्या को लेकर मुलाकात हुई है. कन्हैया ने अशोक चौधरी से मिलने के पहले मुझसे मुलाकात की थी. इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि मेरे पास मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है तो मुझसे हर दल के लोग अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मिलते रहते हैं. एमएलसी के मनोनयन पर नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं जल्द से जल्द हो जाए. उन्होंने फिर से मांग की कि जनगणना जातीय आधारित होनी चाहिए. इससे ही पता चलेगा किस जाति के कितने लोग हैं. हमने हमेशा इसकी मांग की है.
आपको बता दें कि कभी एआईएमआईएम के विजयी पांचों विधायक सत्तारूढ़ पार्टी जदयू के नेता और सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मिलते हैं, तो कभी जदयू के कुछ नेता मुख्य विपक्षी दल राजद की चौखट पर नजर आते हैं. अब सीपीआई नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) की बिहार सरकार के मंत्री और जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी से मुलाकात कुछ संकेत देती नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि कन्हैया की मुलाकात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी हुई है.
अशोक चौधरी जदयू के पाले में कर चुके कई विधायक
इससे पहले बिहार के एकमात्र निर्दलीय विधायक सुमित सिंह और बसपा के एकमात्र विधायक जमा खान को जदयू से जोड़ने का काम अशोक चौधरी ने ही किया था और फिर दोनों मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री बन गए. ऐसे में बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके कन्हैया कुमार भले ही चुनाव हार गए, लेकिन इस चुनावी लडाई में उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार रहे गिरिराज सिंह के पसीने छुड़ा दिए थे. उसके बाद से कन्हैया कुमार बिहार की राजनीति पर खासा ध्यान दे रहे हैं. कन्हैया बिहार में युवाओं के बीच उम्मीदों से भरा चमकता चहेता चेहरा हैं.
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