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CM नीतीश कुमार की प्रदेशवासियों से अपील- विवाह जैसे आयोजनों को स्थगित कर दें

बिहार में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को कम करने के लिए नीतीश सरकार ने 15 मई तक लॉकडाउन का फैसला लिया है.

Updated on: 05 May 2021, 05:30 PM

नई दिल्ली:

बिहार में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को कम करने के लिए नीतीश सरकार ने 15 मई तक लॉकडाउन का फैसला लिया है. कोरोना वायरस के चेन को तोड़ने के लिए सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बुधवार को प्रदेशवासियों से अपील की है कि कोरोना से उत्पन्न अभूतपूर्व संकट की घड़ी में प्रदेशवासियों से आग्रह है कि शादी-विवाह जैसे खुशी के सामाजिक आयोजन, जिनमें कई जगहों के लोग जुटते हैं, को यदि कुछ समय के लिए स्थगित कर दें, तो कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने में मदद मिलेगी. यह आपके परिवार और समाज के हित में होगा. 

सीएम नीतीश कुमार ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि कोरोना महामारी से लोगों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार तत्परता के साथ जरूरी कदम उठा रही है. कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जनहित में आज से 15 मई तक लॉकडाउन लगाने जैसा कठिन निर्णय भी लेना पड़ा है. कृपया गाइडलाइंस का पालन कर कोरोना से मुक्ति के प्रयास में सहयोग करें.

बिहार में कोरोना के बढते मामलों के कारण 5 से 15 मई तक लॉकडाउन 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि सोमवार को सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ चर्चा के बाद बिहार में फिलहाल 15 मई, 2021 तक लॉकडाउन लागू करने का निर्णय लिया गया. इसके विस्तृत मार्गनिर्देशिका एवं अन्य गतिविधियों के संबंध में आपदा प्रबंधन समूह को कार्रवाई करने हेतु निर्देश दिया गया है.

इधर, गृह विभाग ने लॉकडाउन को लेकर जारी आदेश में कहा है कि कोरोना वायरस जनित महामारी की दूसरी लहर से देश के कई राज्यों सहित बिहार में भी मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. इसे ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंध समूह की बैठक में राज्य में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई. समीक्षा में पाया गया कि राज्य में संक्रमण की दर पिछले एक हफ्ते से लगातार 10 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है. इस स्थिति में पांच मई से 15 मई तक ये प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं.

आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार से सभी कार्यालय (आवश्यक सेवाओं को छोड़कर) बंद रहेंगे. जिला प्रशासन, पुलिस, सिविल डिफेंस, बिजली, जलापूर्ति, स्वच्छता, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, दूरसंचार, डाक विभाग से सम्बन्धित कार्यालय यथावत काम करेंगे. न्यायिक प्रशासन के बारे में उच्च न्यायालय द्वारा लिया गया निर्णय लागू होगा.

इसके अलावा अस्पताल और अन्य संबंधित प्रतिष्ठान (पशु स्वास्थ्य सहित), उनके निर्माण और वितरण की इकाईयां, सरकारी और निजी, दवा की दकानें, मेडिकल लैब, नसिर्ंग होम, एम्बुलेंस सेवाओं से संबंधित प्रतिष्ठान यथावत काम करेंगे. 

वाणिज्यिक और अन्य निजी प्रतिष्ठान भी बंद रखने के आदेश दिए गए हैं. हालांकि बैंकिंग, बीमा और एटीएम, औद्योगिक एवं विनिर्माण कार्य से सम्बन्धित प्रतिष्ठान, सभी प्रकार के निर्माण कार्य, ई कार्मस से जुड़ी सारी गतिविधियां, टेलीकम्युनिकेशन, इंटरनेट सेवाएं, ब्रॉडकास्टिंग और केबल सेवाओं से सम्बन्धित गतिविधियां तथा कृषि और इससे जुड़े काम को बंद से मुक्त रखा गया है. आवश्यक सेवाओं के तौर पर पेट्रोल पंप, एलपीजी प्रतिष्ठान भी बंद से मुक्त होंगे.

आवश्यक खाद्य सामग्री, फल, सब्जी, मांस, मछली, दूध इत्यादि की दुकानें सुबह 7 बजे से अपराह्न् 11 बजे तक खुली रहेंगी. सार्वजनिक जगह पर अनावश्यक रूप से पैदल सहित अन्य तरह का परिचालन पूरी तरह बंद रहेगा. इसके अलावा सभी प्रकार के वाहनों पर भी परिचालन पर रोक लगेगी। हालांकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बैठने की क्षमता 50 फीसदी रहेगी. रेल, हवाई जहाज अथवा अन्य लंबी दूरी यात्रा करने वाले लोगों को ही सार्वजनिक परिवहन के उपयोग की अनुमति होगी.

उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. राज्य में लॉकडाउन को लेकर लगातार मांग उठ रही थी. आईएमए और व्यपारिक संगठनों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी लॉकडाउन करने की मांग की थी. बिहार में फिलहाल 6 बजे शाम से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया जा रहा था.