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लाठीचार्ज कर CM नीतीश ने अपनाया ममता का 'दमन मॉडल': सुशील मोदी

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल की व्यापक चुनावी हिंसा और विपक्षी कार्यकर्ताओं की हत्या का मौन समर्थन करते हुए यही हथकंडा बिहार में अपना लिया.

Updated on: 14 Jul 2023, 07:24 PM

highlights

  • सुशील मोदी ने सीएम नीतीश कुमार पर बोला हमला
  • पटना में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर बोला हमला
  • कहा-नीतीश कुमार ने ममता के 'दमन मॉडल' को अपना लिया है

Patna:

पटना में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर से सूबे के सीएम नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी द्वारा शांतिपूर्वक मार्च निकाला जा रहा था लेकिन पुलिस ने शांति से मार्च निकाल रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं पर बिना वजह लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया. वहीं, बीजेपी नेता की मौत को लेकर सुशील मोदी ने कहा कि आरजेडी और जेडीयू जोनों ही मौत पर गलत बयानबाजी कर रही है. सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं पर बर्बर लाठीचार्ज कर सीएम नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के 'दमन मॉडल' को अपना लिया है.

बिना उकसावे के पुलिस ने किया लाठीचार्ज

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल की व्यापक चुनावी हिंसा और विपक्षी कार्यकर्ताओं की हत्या का मौन समर्थन करते हुए यही हथकंडा बिहार में अपना लिया. गुरुवार के विधानसभा मार्च के दौरान लाठीचार्ज से भाजपा कार्यकर्ता की मृत्यु और 100से ज्यादा कार्यकर्ताओं का जख्मी होना इसका प्रमाण है. सुशील मोदी ने कहा कि विधानसभा मार्च के दौरान न एक पत्थर चला, न कहीं तोड़फोड़ हुई और न प्रदर्शनकारियों ने किसी पर हमला किया. इसके बावजूद बिना किसी उकसावे के पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया.

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ममता की तरह नीतीश भी डराना चाहते हैं विपक्ष को

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की तरह नीतीश कुमार विपक्षी कार्यकर्ताओं को पुलिस की लाठी से डराना चाहते हैं. सुशील मोदी ने कहा कि लाठीचार्ज से भाजपा कार्यकर्ता विजय कुमार सिंह की मौत पर पुलिस झूठ बोल रही है और राजद-जदयू के लोग उसी को सही बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि पटना के एसएसपी का यह बयान गलत है कि अनुमति केवल सभा करने की थी. यदि ऐसा था, तो गांधी मैदान से डाक बंगला जाने ही क्यों दिया गया.