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'जो पियेगा, सो मरेगा' वाले कठोर रुख से नरम पड़े CM: सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि "जो पियेगा, सो मरेगा " वाले कठोर रुख से सीएम नीतीश कुमार नरम पड़े गए हैं. अब मुआवजा के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट की शर्त हटायी जाए. सुशील मोदी ने कहा कि राज्य में जहरीली शराब पीने से 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.

Updated on: 07 Jul 2023, 08:06 PM

highlights

  • सुशील मोदी ने सीएम नीतीस पर कसा तंज
  • शराब से मृत लोगों के लिए मुआवजे को लेकर किया कटाक्ष
  • कहा-अपने रुख से लचीले हुए हैं नीतीश
  • शराबबंदी कानून के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों को मिले आम माफी-सुशील मोदी

Patna:

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजे राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर से बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा कि "जो पियेगा, सो मरेगा " वाले कठोर रुख से सीएम नीतीश कुमार नरम पड़े गए हैं. अब मुआवजा के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट की शर्त हटायी जाए. सुशील मोदी ने कहा कि राज्य में जहरीली शराब पीने से 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और सभी शवों के पोस्टमार्टम भी नहीं कराए गए हैं. उन्होंने सीएम से मांग की है कि दलितों-पिछड़ों पर से 4 लाख मुकदमे सरकार वापस लें औऱ शराब से जुड़े आरोपियों को आम माफी दी जाए.

500 से ज्यादा लोगों की हुई है शराब से मौत


पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा के लगातार दबाव बनाने पर राज्य सरकार ने जहरीली शराब से मरने वाले 38 लोगों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय किया, जबकि ऐसे मामले में 500 से ज्यादा गरीबों की जान जा चुकी है. सुशील मोदी ने कहा कि पिछले साल जहरीली शराब से मोतिहारी-नवादा में बड़ी संख्या में लोगों के मरने की घटना के बाद संवेदनहीन रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने से साफ इन्कार कर दिया था और यहाँ तक कहा था कि "जो पायेगा, सो मरेगा".

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कई मृतकों के शवों का नहीं हुआ पोस्टमार्टम

उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों में 90 फीसद लोग दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों के थे. पुलिस ने उन्हें डरा-धमका कर न प्राथमिकी दर्ज कराने दी और न शवों का पोस्टमार्टम कराया. सुशील मोदी ने कहा कि जब मृतकों की संख्या छिपाने के लिए एफआइआर-पोस्टमाटर्म होने नहीं दिये गए, तब अनुग्रह राशि के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट को अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए.

शराब से जुड़े आरोपियों को मिले आम माफी

उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत जो 4 लाख से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं,  उन्हें वापस लेकर एक बार सबको आम माफी दी जानी चाहिए. सुशील मोदी ने कहा कि आम माफी की घोषणा से हजारों लोगों की रिहाई होगी और अदालतों पर मुकदमे का बोझ काफी कम होगा. उन्होंने कहा कि 2016 के पूर्ण मद्यनिषेध कानून में अब तक इतने संशोधन हो चुके हैं कि यह सिर्फ कागज पर रह गया है.