चिराग पासवान बोले- मेरे पिता और लालू हमेशा करीबी दोस्त रहे हैं, लेकिन...
बिहार की राजीनीति इस वक्त चाचा-भतीजे के बीच छिड़ी सियासी जंग की वजह से सुर्खियों में है. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) दो फाड़ में बंट चुकी है. चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति के बीच जंग बढ़ता ही जा रहा है.
highlights
- लोजपा नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधने का किया प्रयास
- मेरे पिता और लालू हमेशा करीबी दोस्त रहे हैं : रामविलास पासवान के बेटे
- अब BJP तय करेगी कि वे मेरा समर्थन करेंगे या नीतीश कुमार को
नई दिल्ली:
बिहार की राजीनीति इस वक्त चाचा-भतीजे के बीच छिड़ी सियासी जंग की वजह से सुर्खियों में है. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) दो फाड़ में बंट चुकी है. चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति के बीच जंग बढ़ता ही जा रहा है. दोनों ही नेता एक-दूसरे पर तरह-तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इसी बीच लोजपा के युवा नेता और दिवंगत नेता रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को साधने का प्रयास किया है. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान ने कहा कि मैं सीएए, एनआरसी समेत हर कदम पर भाजपा के साथ खड़ा हूं. हालांकि, नीतीश इससे असहमत थे. अब भाजपा तय करेगी कि आने वाले दिनों में वे मेरा समर्थन करेंगे या बिहार के सीएम नीतीश कुमार को.
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चिराग ने आगे कहा कि मैंने हनुमान की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर मुश्किल दौर में साथ दिया, आज जब हनुमान का राजनीतिक वध करने का प्रयास किया जा रहा है, मैं ये विश्वास करता हूं कि ऐसे में राम खामोशी से नहीं देखेंगे. मेरे पिता और लालू हमेशा करीबी दोस्त रहे हैं. राजद नेता तेजस्वी यादव और मैं बचपन से एक-दूसरे को जानते हैं, हमारी गहरी दोस्ती है, वह मेरा छोटा भाई है. जब बिहार में चुनाव का समय आएगा तब पार्टी गठबंधन पर अंतिम फैसला लेगी.
आपको बता दें कि इससे पहले चिराग पासवान ने पार्टी को तितर-बितर होने से रोकने के लिए एक बेहद भावुक भरा पत्र लिखा था. उन्होंने लोजपा कार्यकर्ताओं को रामविलास पासवान के आदर्श और संघर्षों की बात याद दिलाते हुए सीएम नीतीश कुमार और पशुपति पारस पर हमला बोला था.
चिराग ने पत्र में लिखा कि जेडीयू ने हमेशा से लोजपा को तोड़ने का काम किया है. साल 2005 फरवरी के चुनाव में हमारे 29 विधायकों को तोड़ा गया और साथ ही हमारे बिहार के प्रदेश अध्यक्ष को भी तोड़ने का काम किया गया. साल 2005 में नवंबर में हुए चुनाव में सभी हमारे जीते हुए एक विधायक को भी तोड़ने का काम जेडीयू द्वारा ही किया गया. उसके बाद 2020 में जीते हुए एक विधायक को भी तोड़ने का काम इनके द्वारा ही किा और आज लोजपा के 5 सांसदों को तोड़ जेडीयू ने अपनी बांटों और शासन करो की रणनीति को दोहराया है.
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उन्होंने आगे कहा कि हमारे नेता रामविलास पासवान के जीवनका में कई बार नीतीश जी द्वारा उनकी राजनीतिक हत्या का प्रयास किया गया. दलित और महादलित में बंटवारा करवाना उसीका एक उदाहर है. हमारे नेता रामविलास पासवान जी ने और मैंने दलित और महादलित समुदाय में कभी कोई अंतर नहीं समझा और सबको एकजुट कर अनुसूचित जाति के लोगों के लिए संघर्ष किया लेकिन नीतीश कुमार जी ने मुझे और मेरे पिता को अपमानित करने का और राजनीतिक तौप पर समाप्त करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. इतना कुछ होने पर भी हमारे नेता रामविलास पासवान जी नहीं झुके.
चिराग ने लिखा,'पिताजी (रामविलास पासवान) की तबीयत खराब होने पर जहां एक तरफ देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पक्ष-विपक्ष के तमाम नेता फोन कर हालाचाल पूछ रहे थे तो वहीं नीतीश कुमार जी का ये कहना कि उन्हें तबियत खराब है, मालूम नहीं है उनके अंहकार को दर्शाता है. विधानसभा चुनाव से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए आईसीयू में भर्ती मेरे पिताजी के लिए यह कहना कि जाकर उनसे पूछिए क्या वह अपने दो विधायकों के समर्थन से राज्यसभा सांसद बने है दुखद था. '
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