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चिराग पासवान के समर्थकों ने चाचा पशुपति के पोस्टर पर पोती कालिख, किया हंगामा

चिराग पासवान को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पटना में चिराग के समर्थकों ने चाचा पशुपति कुमार पारस के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा किया.

Updated on: 15 Jun 2021, 05:46 PM

highlights

  • लोक जनशक्ति पार्टी में चाचा-भतीजे के बीचे वर्चस्व की जंग
  • रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी में दरार पड़ गई
  • सांसद चिराग पासवान का एक पत्र वायरल हुआ है

 

पटना:

लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में चाचा-भतीजे के बीचे वर्चस्व की जंग के बीच चिराग पासवान को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. वहीं, चिराग पासवान को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पटना में चिराग के समर्थकों ने चाचा पशुपति कुमार पारस के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा किया. साथ ही उनके पोस्टर पर कालिख पोती. इतना ही नहीं चिराग पासवान के समर्थकों ने पशुपति पारस समेत सभी 5 सांसदों और नीतीश कुमार की तस्वीरें भी जलाईं. वहीं, चिराग पासवान को हटाने के बाद सूरजभान सिंह को लोजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव कराने का प्रभार भी दिया है.

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लोक जनशक्ति पार्टी में दरार पड़ गई

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी में दरार पड़ गई है. रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने 5 सांसदों को अपने साथ मिलाकर पार्टी पर अधिकार जता दिया है और ऐसे में लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान अकेले पड़ गए हैं. LJP में टूट के बाद चिराग पासवान (Chirag Paswan ) ने कहा कि पार्टी और परिवार को साथ रखने के प्रयास में असफल रहा. चिराग पासवान ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया, लेकिन असफल रहा. पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए. लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है. पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं. एक पुराना पत्र साझा करता हूं.

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सांसद चिराग पासवान का एक पत्र वायरल

सांसद चिराग पासवान का एक पत्र वायरल हुआ है, जो 29 मार्च को उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को लिखा था, जिसमें चिराग रामविलास पासवान के रहने के वक्त का जिक्र किए हैं. करीब छह पन्नों के इस पत्र में चिराग ने पार्टी, परिवार व रिश्तेदारी जैसे हर मसले पर खुल कर अपनी बातें रखी हैं. अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को निशाने पर लेते हुए चिराग पासवान ने यह भी लिखा है कि 2019 में रामचंद्र चाचा के निधन के बाद से ही आप में बदलाव देख रहा था. प्रिंस को जब जिम्मेदारी दी गई तब भी आपने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. पापा ने पार्टी को आगे बढाने के लिए मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया तो इस फैसले पर भी आपकी नाराजगी रही. चिराग ने पत्र लिखकर यह बताने की पूरी कोशिश की है. उन्होंने पार्टी व परिवार में एकता रखने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें असफल रहें.