Bihar: गरीबों के लिए वरदान बना 'मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष', प्रदेश में लोग ऐसे करवा रहे हैं इलाज

बिहार सरकार की मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना राज्य के गरीब लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है. राज्य में हजारों लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं.

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Ravi Prashant
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Chief Minister's Medical Assistance Fund

मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के लोगों के इलाज Photograph: (SM)

बिहार सरकार की मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना जरूरतमंद मरीजों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है. जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच इस योजना के तहत 33,620 मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है. सरकार ने इन लाभार्थियों को 249 करोड़ 36 लाख 18 हजार रुपये वितरित किए हैं, जिससे वे गंभीर बीमारियों का बेहतर इलाज प्राप्त कर सके.

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क्या है योजना का उद्देश्य?

इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना है, खासकर गंभीर और असाध्य रोगों से पीड़ित लोगों को. यह मदद उन मरीजों को दी जाती है जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये या उससे कम है,

क्या रिजेक्ट हो रहे हैं एप्लीकेशन?

जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच इस योजना के तहत कुल 37,231 एप्लीकेशन प्राप्त हुए, जिनमें से 33,620 एक्सेप्ट किए गए. हालांकि, करीब 3,611 आवेदन मामूली गलतियों के कारण रिजेक्ट कर दिए गए. इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि कागजी दस्तावेजों में गलतियां और अधूरी जानकारी के कारण ही इतने एप्लीकेशन रिजेक्ट हुए हैं. ऐसे मे आप भी इस स्किम का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको कुछ आसान सा स्टेप्स फॉलो करना होगा. 

क्या-क्या लगेंगे डॉक्यूमेंट्स? 

योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को एक आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज अटैच करने होंगे और इसे स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टर ऑफ चीफ के नाम समर्पित करना होगा. 

  • सरकारी/सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल द्वारा जारी ओरिजनल एस्टीमेट
  • आय प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड की फोटोकॉपी
  • मेडिकल रिपोर्ट और जांच रिपोर्ट की फोटोकॉपी

जरूरतमंदों के लिए एक वरदान

यह योजना गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है. सरकार लगातार इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए काम कर रही है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें. 

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