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सात समंदर पार भी छठ की छटा, दुबई में 15 साल से कर रहें हैं सामूहिक पूजा

दुबई में बिहार के लोगों ने संस्थाएं बनाई हैं, जिनमें भोजपुरिया समाज, मिथिला समाज और बिहार कनेक्ट शामिल हैं. इन संस्थाओं ने सामूहिक रूप से छठ पूजा की शुरुआत करीब 15 साल पहले की थी. कई भारतीय परिवार दशकों से यहां छठ कर रहे हैं.

Updated on: 29 Oct 2022, 01:49 PM

highlights

. 15 सालों से कर रहें हैं सामूहिक छठ पूजा
. 20 से अधिक परिवारें मिलकर करते हैं पूजा
. इंडियन स्टोर पर मिल जाती है पूजा की सामग्री

Patna:

छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. आज दूसरे दिन खरना मनाया जाता है. आज रात्रि में प्रसाद ग्रहण कर व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू जाएगा. इस महापर्व की इतनी मान्यता है की अब केवल बिहार, उत्तर प्रदेश, या भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि विदेशों में भी इसे मनाया जाता है. मुस्लिम शासित राज्य में भी इसे लोग मना रहें हैं. दुबई जैसे देश में भी इसे धूम धाम से मनाया जा रहा है. लोगों ने अपनी संस्कृति को वहां भी जिंदा रखा है. 

15 साल पहले की थी छठ पूजा की शुरुआत 

पटना के रहने वाले एनआरआई व दुबई के दीनदयाल फाउंडेशन और अंबेडकर ग्लोबल के संस्थापक रविशंकर चंद ने बताया कि दुबई में बिहार के लोगों ने संस्थाएं बनाई हैं, जिनमें भोजपुरिया समाज, मिथिला समाज और बिहार कनेक्ट शामिल हैं. इन संस्थाओं ने सामूहिक रूप से छठ पूजा की शुरुआत करीब 15 साल पहले की थी. कई भारतीय परिवार दशकों से यहां छठ कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बार भी ममजार बीच पर बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य भारतीय लोगों द्वारा छठ किया जा रहा है.

श्रद्धालु खुद ही गाते हैं गीत

उन्होंने बताया कि वह भी दुबई में सपरिवार छठ कर रहे हैं. साथ ही साथ महापर्व छठ की पूजन सामग्री भी व्रतियों के बीच वितरित कर रहे हैं. वह हर पर्व दुबई में बिहारियों सहित अन्य भारतीयों को एकत्रित कर मनाते हैं. रविशंकर ने बताया कि दुबई मुस्लिम देश होने के बावजूद वहां बड़ी संख्या में बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग ममजार बीच पर जाकर हर साल छठ करते हैं. दुबई में लाउडस्पीकर पर रोक होने के कारण श्रद्धालु खुद ही गीत गाते हैं.

पूजा की सारी सामग्री इंडियन स्टोर में जाती है मिल 

वहां रह रहें भारतीय लोगों ने बताया कि पहले लगता था कि छठ पर घर नहीं गए तो कुछ छूट गया. नौकरी और बच्चों की पढ़ाई के कारण हर बार जा नहीं पाती थी. मगर यहां बसे बिहार और झारखंड के परिवारों के कारण अब लगता ही नहीं कि छठ पर घर से दूर हूं. अब तो यहां 20 से अधिक परिवार हैं जो एक साथ मिलकर छठ करते हैं. इंडियन स्टोर से पूजा सामग्री की खरीदारी कर रहे लोगों ने बताया कि इक्का-दुक्का सामान छोड़ दें तो सारी सामग्री यहां मिल जाती है.