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सीएम नीतीश के कैमूर दौरे की तारीख में बदलाव, युद्ध स्तर पर तैयारियां तेज

कैमूर जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दौरे की तारीख बदल गई है. 7 फरवरी को निर्धारित दौरा अब 28 जनवरी हो रहा है.

Updated on: 25 Jan 2023, 09:32 AM

highlights

  • कैमूर में सीएम नीतीश के दौरे में बदलाव
  • अब 28 जनवरी को होगा नीतीश का दौरा
  • पहले 7 फरवरी को सीएम का दौरा था तय
  • भगवानपुर के कोचाढ़ी गांव में सीएम का दौरा
  • सीएम के दौरे को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां तेज़
  • सड़कें, बिजली और नल जल योजना को किया जा रहा दुरुस्त

Kaimur:

कैमूर जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दौरे की तारीख बदल गई है. 7 फरवरी को निर्धारित दौरा अब 28 जनवरी हो रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की संभावित यात्रा को लेकर कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड के पढ़ौती पंचायत के कोचाढ़ी गांव को चकाचक किया जा रहा है. सड़कों को रिपेयर करने का काम हो या बिजली-नल जल योजना सभी कार्यों को प्रशासन दुरुस्त करने में जुटा हुआ है. मुख्यमंत्री के आने के पहले भी प्रशासन दावा करता रहा है कि विकास गांव तक पहुंच रहा है. इसी को लेकर तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही है.

हालांकि तैयारियों को देखते ही समझ में आ रहा है कि अगर पहले यह कार्य सही तरीके से कर लिए गए होते तो मुख्यमंत्री की आने की सूचना पर युद्ध स्तर पर हर क्षेत्र में कार्य को दुरुस्त नहीं करना पड़ता. गांव की गली नाली निर्माण की राशि 2019 में ही निकाल ली गई थी, लेकिन अब प्रशासन मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर अधूरे निर्माण को पूरा कराने में जुटा है. 

हमारी टीम ने लोगों से बात की तो उन्होंने अपनी परेशानियां बताई. मोहम्मद आसिफ अंसारी ने कहा कि सर्वसाधारण की जमीन पर 16 लोगों ने थोड़ी-थोड़ी जगह पर कब्जा किया हुआ है. जिस पर 10 डिसमिल एक व्यक्ति को वृक्षारोपण करने के लिए दिया गया है. जहां प्रशासन गलीचा का शेड बनवाना चाहता है, लेकिन हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं कि गलीचा का शेड नहीं बनेगा. अगर बनाना है तो समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाइए या समुदायिक भवन बना दीजिए. जिससे कि पूरा गांव के लोग लाभान्वित होंगे, लेकिन हमारी बात को सुनने को कोई तैयार नहीं हो रहा, जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं.

मोहम्मद शाहिद परवेज बताते हैं कि यहां मदरसा हम लोग अपने निजी खर्च पर चलाते हैं. चाहते हैं कि नीतीश कुमार के आगमन पर मदरसा को सरकारी कर दिया जाए और उसकी घेराबंदी कर दिया जाए, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो. उन्होंने कहा कि हमारे गांव की मुख्य मार्ग तीन-चार साल से टूटी हुई थी, लेकिन मुख्यमंत्री के आगमन की सूचना पर सड़कें बनाई जा रही है. हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री 10 साल में एक बार गांव का दौरा जरूर करें, जिससे वहां का विकास हो सके.

महारूफ अंसारी बताते हैं कि सड़क निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन मिट्टी उसके बगल से ही जेसीबी से काटकर उसके किनारे में डाला जा रहा. जेसीबी के कटाव से गड्ढा बन रहा है. बगल में मदरसा है. छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं कभी भी खतरा हो सकता है.

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