बिहार: चमकी बुखार के 'मौत का तांडव' जारी, अब तक 117 मासूमों की गई जान
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज यानी गुरुवार को प्रभावित जिलों में हवाई सर्वेषण करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को नवादा, गया और औरंगाबाद जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे
highlights
- चमकी बुखार का कहर जारी
- अब तक 117 लोगों की मौत
- नीतीश कुमार करेंगे दौरा
नई दिल्ली:
बिहार के मुजफ्परपुर में चमकी बुखार का कहर लगतार जारी है. इस जानलेवा की बीमारी की वजह से होने वाली बच्चों की मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक चमकी बुखार यानी Acute Encephalitis Syndrome (AES) से अबतक 117 बच्चों की मौत हो चुकी है जिसमें SKMCH में 98 और केजरीवाल अस्पताल में 19 मौतें हुई हैं.
Bihar: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 117 in Muzaffarpur. 98 deaths at SKMCH & 19 deaths at Kejriwal hospital. pic.twitter.com/rCH9JxpDKb
— ANI (@ANI) June 20, 2019
वहीं दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज यानी गुरुवार को प्रभावित जिलों में हवाई सर्वेषण करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को नवादा, गया और औरंगाबाद जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. हवाई सर्वेक्षण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गया के एएनएमएमसीएच (ANMMCH-Anugrah Narayan Magadh Medical College) जाएंगे, जहां लू और गर्मी की वजह से बीमार लोगों से मिलेंगे. वहीं नीतीश कुमार से जब बुधवार को दिल्ली में बच्चों की मौतों पर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली.
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बता दें बिहार में चमकी बुखार से लगातार हो रही मौतों की वजह से राज्य सरकार पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए जा रहे हैं. अस्पतालों में बच्चों के लिए सही सुविधा उपलब्ध न होने पर परिजनों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SKMCH) में मरीज बच्चों के परिजनों ने बार-बार बीजली जाने की शिकायत की थी. परिजनों का कहना था कि अस्पताल में दूसरी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है. बच्चे गर्मी से रो रहे हैं. उन्हें बच्चों की हाथ वाले पंखों से हवा करनी पड़ रही है.
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लेकिन अस्पताल में ये परेशानी केवल बीजली जाने तक सीमित नहीं है, बल्कि ये समस्या अस्पतालों में बेडों को लेकर भी है. SKMCH अस्पताल में बेडों की संख्या कम होने की वजह से कई बच्चों को फर्श पर ही गद्दे बिछाकर लिटाया जा रहा है. इसके अलावा अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी की बात भी सामने आ रही है.
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