कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण को फैलने से रोकने लिए देश में लागू लॉकडाउन के बाद झारखंड के नक्सली (Naxalite) भी अपने नए ठिकाने की तलाश में हैं. लॉकडाउन (Lockdown) के कारण जहां उनकी 'चेन' टूट गई है वहीं पुलिस लगातार अभियान चला रही है. पुलिस ग्रामीण क्षेत्रों में सहायता पहुंचाकर लोगों का दिल जीतने का प्रयास भी कर रही है. झारखंड (Jharkhand) के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस की सामुदायिक रसोईघर घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के थाना और पिकेट में चल रही है.
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नक्सल क्षेत्रों में तो थाना, आउटपोस्ट, पिकेट से कुछ दूरी पर सामुदायिक रसोई चल रही है, जिससे नक्सली इसका लाभ उठाकर पुलिस को नुकसान नहीं पहुंचाने पाएं. अधिकारी ने कहा कि पुलिस सुदूर गांवों में भोजन लेकर भूखे-गरीब ग्रामीणों तक जा रही है, लेकिन पूरी सतर्कता के साथ. अगर मुठभेड़ की नौबत आ गई, तो नक्सलियों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.
इधर, लॉकडाउन के दौरान पश्चिम सिंहभूम में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में पुलिस ने तीन महिला नक्सलियों को मार गिराया था. सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों के लिए अनाज व अन्य जरूरी सामान मिलने बंद हो गई है. देशव्यापी लॉकडाउन के कारण नक्सलियों को अनाज की सप्लाई तथा लेवी की राषि बिल्कुल बंद हो गई है. ऐसे में राज्य के अलग-अलग हिस्सों में नक्सलियों का दस्ता गांवों में अपना ठौर तलाश रहा है.
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राज्य पुलिस के पुलिस महानिदेशक एम. वी. राव भी कहते हैं, 'नक्सली इस घड़ी में आत्मसमर्पण करें. पुलिस उन्हें खाना जरूर खिलाएगी. लेकिन, अगर नक्सली अपने इरादे नहीं बदलेंगे तो पुलिस उनके खिलाफ लगातार अभियान चलाकर करारा जवाब देगी.'
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