मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नक्सलवाद से निपटने में केंद्र सरकार सार्थक पहले करे. वामपंथी उग्रवाद संगठनों पर असरदार कार्रवाई करने और इनको निष्प्रभावी बनाने की जिम्मेदारी राज्यों पर डालकर केंद्र मात्र समीक्षा की भूमिका नहीं निभाए. नीतीश कुमार ने कहा कि पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत फिलहाल केंद्र सरकार 60 और 40 के अनुपात सहायता दे रही है. इसका अनुतात 90:10 किया जाए. बिहार जैसे सीमित संसाधनों वाले राज्यों के लिए यह आवश्यक है. इस योजना के स्वरूप में परिवर्तन की आवश्यकता है. सीएम ने कहा कि इसे वार्षिक योजना की जगह दीर्घकालिक योजना में परिवर्तित किया जाना चाहिए.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यह संभव नहीं कि पुलिस पुराने तरीकों से असमाजिक तत्वों पर काबू करे. जरूरी है कि पुलिस को आधुनिकतम यंत्र एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाएं. अधिक साधन देने के बदले केंद्र पुलिस आधुनिकीकरण योजना के मद में कटौती कर दी है. वर्ष 2000-2001 से 2014-2015 तक केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष बिहार को औसतन 40 करोड़ रुपए इस मद में दिए जाते थे. अब यह राशि 30 करोड़ हो गई है. यह बहुत कम है. इसे कई गुणा बढ़ाने की जरूरत है.
अर्धसौनिक बलों पर भी बोले सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित एवं दुर्गम क्षेत्रों में नए पुलिस थाने बनाए जा रहे हैं. अभी भी प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय अर्धसौनिक बलों की आवश्यकता है. बिहार में 9.5 बटालिन केंद्रीय अर्धसैनिक बल उपलब्ध हैं. इनमें से 80 फीसद की प्रतिनियुक्ति बिहार-झारखंड के सीमावर्ती जिलों में की गई है. सीआरपीएफ की दो बटालियन अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं. उन्हें वापस भेजने का का प्रस्ताव मिला है. इन दोनों बटालियनों को बिहार में रहने देने की जरूरत है.
बिहार को अलग से मिले हेलीकॉप्टर
मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से बिहार हेलीकॉप्टर तैनाती के लिए अनुरोध करता रहा है. गृह मंत्रालय हमें झारखंड में तैनात हेलीकॉप्टर से ही सहयोग लेने को कहता रहा है. गृह मंत्रालय इस पर पुनर्विचार कर बिहार में भी हेलीकॉप्टर की स्थाई तैनाती करें.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो