बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ किया है कि यह पूरी पारदर्शिता के साथ, तय कार्यक्रम के मुताबिक आगे बढ़ रहा है. सीईसी ज्ञानेश कुमार ने आगे कहा, “बिहार में विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य तय समयसीमा के अनुरूप, सभी निर्वाचन कर्मियों और सभी राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी में पारदर्शी ढंग से चल रहा है. कुछ लोगों की आशंकाओं के बावजूद, SIR यह सुनिश्चित करेगा कि सभी पात्र व्यक्तियों का नाम मतदाता सूची में शामिल हो.”
मुख्य निर्वाचन आयुक्त का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों ने SIR प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका जताई थी. आयोग ने दोहराया कि किसी भी योग्य नागरिक का नाम छूटने नहीं दिया जाएगा.
77895 बूथ लेवल एजेंट की तैनाती
चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण का निर्णय काफी सोच-समझकर नियमों के तहत लिया गया है. इसके लिए प्रक्रिया को चरणबद्ध तरह से चलाया गया है. पहले चरण में बिहार के वोटरों को 25 जून से 3 जुलाई तक इन्युमरेशन फार्म देने का काम किया. इसके लिए 77895 बूथ लेवल एजेंट की तैनाती की गई. इस दौरान जल्द ही 20603 बीएलओ की नियुक्ति होगी. बीएलओ वोटरों के घर-घर जाकर इन्युमरेशन फार्म दिया जा रहा है. चुनाव आयोग की वेबसाइट से इसे डाउनलोड किया जा सकता है. राजनीतिक दलों की ओर नियुक्त बीएलओ रोजाना 50 सर्टिफाइड फार्म जमा कर सकते हैं. दूसरे चरण में इस फार्म को भरा जायेगा. 25 जुलाई तक इसे जमा करना होगा.