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IRCTC Scam:  जांच एजेंसियों पर सीधे आरोप लगाना कितना सही ?

कुछ ऐसा ही हाल फिलहाल बिहार की राजनीति में हो रहा है. IRCTC घोटाले में जांच की आंच दोबारा आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव तक पहुंची, तो बिहार की सियासत में सरगर्मियां तेज हो गईं.

Updated on: 28 Dec 2022, 08:22 PM

highlights

  • सीएम नीतीश कुमार का बड़ा आरोप
  • RJD के साथ हम हैं इसलिए CBI ने खोली फाइल
  • बड़ा सवाल-जांच एजेंसियों पर सीधा आरोप लगाना कितना सही?

Patna:

राजनीति गजब की चीज है. दो दल साथ रहें, तो एक दूसरे की शान में कसीदे गढ़े जाते हैं. अलग हो जाएं, तो एक दूसरे के खिलाफ आग उगलने लगते हैं. इस आग की आंच तब और बढ़ जाती है, जब किसी नेता के खिलाफ जांच के लिए फाइलें खुलने लगती हैं. कुछ ऐसा ही हाल फिलहाल बिहार की राजनीति में हो रहा है. IRCTC घोटाले में जांच की आंच दोबारा आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव तक पहुंची, तो बिहार की सियासत में सरगर्मियां तेज हो गईं.

दरअसल, सीबीआई ने यूपीए की अगुवाई वाली सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान रेल मंत्री रहे लालू यादव के खिलाफ रेलवे परियोजना के आवंटन में गड़बड़ी का केस दर्ज किया था. 2018 में इस केस की जांच शुरू की गई लेकिन 2021 में ये केस बंद कर दिया था. बिहार में कुछ महीने पहले तक एनडीए की सरकार थी. नीतीश कुमार कमान संभाल रहे थे लेकिन हालात बदले और नीतीश कुमार ने महागठबंधन के समर्थन से पाला बदलकर सत्ता संभाल ली.

ये भी पढ़ें-IRCTC Scam: लालू की फाइल खुलने पर CM नीतीश का बयान-'RJD के साथ हैं हम, इसलिए हुआ ऐसा'

अब, जब IRCTC घोटाले का केस फिर से खोला गया तो नीतीश कुमार ने सीधे सीधे केंद्र पर हमला बोल दिया. सीएम नीतीश ने कहा कि वो और तेजस्वी साथ आए, तो केंद्र ने सीबीआई को पीछे लगा दिया. नीतीश के आरोपों में कितना दम है ये तो आने वाला समय ही बतचाएगी लेकिन अभी तो कई सवाल खड़े हो रहे हैं. जो सवाल खड़े हो रहे हैं उनमें से सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या जांच एजेंसियों को सीधे तौर पर टारगेट करना या उनपर सवाल खड़े करना सही है?

सवाल तो ये भी हैं

क्या नीतीश-तेजस्वी के साथ आने के बाद हो रही कार्रवाई ?
बंद हो चुके केस को दोबारा खोले जाने का मकसद क्या ?
सीएम नीतीश कुमार के आरोपों के असल मायने क्या ?
जांच एजेंसियों पर सीधे आरोप लगाना कितना सही ?
क्या जांच एजेंसियों को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए ?

क्या है IRCTC होटल घोटाला

IRCTC घोटाला 200-4 में लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान हुआ
रेलवे बोर्ड ने कैटरिंग और रेलवे होटलों की सेवा को IRCTC को सौंपा था
होटल के रखरखाव, संचालन और विकास को लेकर अनियमिताएं की बातें सामने आई
टेंडर 2006 में एक प्राइवेट होटल सुजाता होटल को मिला था
टेंडर के बदले लालू यादव परिवार को तीन एकड़ जमीन देने का आरोप
मामले में भी लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत  11 लोग आरोपी हैं

IRCTC घोटाले में कब क्या हुआ?

CBI ने जुलाई 2017 में मामला दर्ज किया
लालू यादव, तेजस्वी समेत 11 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ
CBI की विशेष अदालत ने जुलाई 2018 में आरोप पत्र पर संज्ञान लिया
आरोप तय करने को लेकर बहस शुरू नहीं हो सकी
फरवरी 2019 में एक आरोपी विनोद कुमार अस्थाना ने विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी
चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की
दो अन्य सह-आरोपियों ने भी आवेदन दायर कर दिए
साक्ष्यों के अभाव में 2021 में केस को बंद किया गया
CBI दोबारा खोल सकती है IRCTC घोटाले की जांच की फाइल