बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़नी लगभग तय मानी जा रही हैं. दरअसल, सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में तेजस्वी यादव को तीसरी बार समन भेजा था. दरअसल, सीबीआई द्वारा आज ही तेजस्वी यादव को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन वो विधानसभा की कार्यवाही की वजह से नहीं गए. अब माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई सख्त कदम उठा सकती है. इससे पहले तेजस्वी को सीबीआई द्वारा दो बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन वो दोनों बार भी नहीं गए थे. बता दें कि नौकरी के बदले जमीन रजिस्ट्री कराने के मामले में लालू परिवार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. मामले में सीबीआई ने लालू परिवार समेत कुल 16 लोगों को समन जारी कर विशेष सीबीआई कोर्ट में 15 मार्च 2023 को पेश होने के आदेश दिया है.
दरअसल, 27 फरवरी को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमीन के बदले नौकरी मामले में तत्कालीन रेल मंत्री व राजद सुप्रीमो लालू यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत उनकी बेटी व अन्य को समन जारी किया था. समन जारी कर 15 मार्च को सीबीआई के कोर्ट में पेशी को कहा था. बता दें कि 10 अक्टूबर, 2022 में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया था.
दायर की जा चुकी है चार्जशीट
सीबीआई ने इस मामले में 10 अक्टूबर, 2022 को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी और बेटी समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी और उसके बाद उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी ली गई थी. राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कहा कि, प्रथम दृष्टया, ऑन-रिकॉर्ड रिपोर्ट से पता चलता है कि भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध किए गए हैं. उक्त अपराधों का संज्ञान लेते हुए, न्यायाधीश ने आरोपी व्यक्तियों को 15 मार्च 2023 के लिए तलब किया.
क्या है आरोप?
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में 2004 से 2009 के दौरान बिहार के विभिन्न निवासियों को ग्रुप-डी पदों के विकल्प के रूप में नियुक्त किया गया था. उपर्युक्त आरोप के मद्देनजर, व्यक्तियों ने स्वयं या उनके परिवारों ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों और कंपनी एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर अपनी जमीन हस्तांतरित कर दी, जिसे बाद में उनके परिवार के सदस्यों ने ले लिया.
यह आरोप लगाया गया है कि सीबीआई ने जोनल रेलवे में एवजी की नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया था. यह कहा गया है कि जांच से पता चला था कि उम्मीदवारों को उनकी नियुक्ति के लिए किसी विकल्प की आवश्यकता के बिना विचार किया गया था और उनकी नियुक्ति के लिए कोई अत्यावश्यकता नहीं थी जो स्थानापन्नों की नियुक्ति के पीछे मुख्य मानदंडों में से एक था और वे अपनी नियुक्ति की मंजूरी के बहुत बाद में अपने कर्तव्यों में शामिल हुए और बाद में उन्हें नियमित कर दिया गया.
HIGHLIGHTS
तेजस्वी यादव को आज होना था सीबीआई के सामने पेश
सीबीआई तीन बार तेजस्वी को जारी कर चुकी है समन
Source : News State Bihar Jharkhand