Caste Census in Bihar: जातीय जनगणना पर घमासान तेज, नीतीश कुमार और तेजस्वी ने कही ये बात
बिहार में 7 जनवरी से शुरू हुई जातीय जनगणना को लेकर घमासान तेज होता जा रहा है. नीतीश कुमार सरकार के इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई.
highlights
- बिहार में जातिगत जनगणना का मामला
- जनगणना के खिलाफ SC में दाखिल की गई थी याचिका
- याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार SC
- शुक्रवार 20 जनवरी को SC करेगी सुनवाई
Patna:
बिहार में 7 जनवरी से शुरू हुई जातीय जनगणना को लेकर घमासान तेज होता जा रहा है. नीतीश कुमार सरकार के इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. जिसे सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार कर लिया है. इस मामले में अब 20 जनवरी को सुनवाई होगी. याचिका में आरोप लगाया गया कि बिहार सरकार ने 6 जून, 2022 को जातीय जनगणना को लेकर जो अधिसूचना जारी की वो अतार्किक और असंवैधानिक है. ये नोटिफिकेशन संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन करती है.
पहले चरण में होगी घरों की गिनती
वहीं, जातीय जनगणना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले चरण में घरों की गिनती होनी है. जाति आधारित गणना के क्रम में जाति के साथ-साथ परिवारों की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी लेनी है. इसके अलावा बाहर रहने वाले लोगों के विषय में भी स्थानीय लोगों के माध्यम से जानकारी संग्रहित करनी है ताकि उनकी संख्या और आर्थिक स्थिति की जानकारी मिल सके. कितने लोगों को बाहर जाना पड़ रहा है, यह पता चलेगा. जाति आधारित गणना में एक-एक चीज के बारे में जानकारी इकट्ठा करनी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे लोग चाहते थे कि पूरे देश में जाति आधारित गणना हो, लेकिन केंद्र सरकार इस पर तैयार नहीं हुई. हर लोगों की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली जा रही है. नीतीश कुमार ने कहा कि यह समझ के परे है कोई आदमी इसको लेकर याचिका का क्यों दायर कर रहा है?
यह जनगणना नहीं है यह तो गणना है
जातिगत जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि डाटा नहीं रहेगा तो लोगों को लाभ कैसे होगा. सभी दलों की सहमति से निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में दो-दो बार ये प्रस्ताव पारित हुआ है. राज्य सरकार तो पहले केंद्र सरकार के पास ही गई थी. उन्होंने कहा कि यह जनगणना नहीं है यह तो गणना है. जातिगत गणना के आधार पर ही लोगों को उन्होंने कहा कि अगर यह गलत है तो तो अन्य लोगों की जो गिनती होती है तो वह भी गलत हो सकती है.
जातीय जनगणना नहीं होने देना चाहती BJP
बिहार में हो रहे जातीय जनगणना पर 20 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. इस पर जेडीयू का आरोप है कि बीजेपी नहीं चाहती है कि बिहार में जातीय जनगणना हो सके. यही वजह है कि कोर्ट के माध्यम से बीजेपी इस पर अड़ंगा डालने का प्रयास कर रही है. ये आरोप जेडीयू के विधान पार्षद भीष्म साहनी ने लगाया है.
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