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बजट 2020 अमीरों, बिचौलियों और कॉरपोरेट घरानों के नाम है- उपेंद्र कुशवाहा

निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के जमकर पुल बांधे, लेकिन विपक्ष को उनका यह अंदाज समेत पेश किया बजट कतई रास नहीं आया है.

Updated on: 01 Feb 2020, 03:49 PM

पटना:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के जमकर पुल बांधे, लेकिन विपक्ष को उनका यह अंदाज समेत पेश किया बजट कतई रास नहीं आया है. कभी मोदी सरकार में मंत्री रहे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने भी बजट को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकारी उपक्रमों को बेचने और निजीकरण से गरीबी, बेरोजगारी एवं भुखमरी में इजाफा ही होगा.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा, 'बजट 2020 अमीरों, बिचौलियों और कॉरपोरेट घरानों के नाम है. सरकारी उपक्रमों को बेचने व निजीकरण से गरीबी, बेरोजगारी एवं भुखमरी में इजाफा ही होगा. गरीब बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, ग्रामीण किसानों की स्थिति में सुधार और जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं की बात नदारद.'

इससे पहले कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने भी बजट 2020 को लेकर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश आम बजट को खोखला करार दिया. उन्होंने दावा किया कि बजट में रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के ठोस उपाय नहीं हैं. राहुल गांधी ने कहा कि आज देश के सामने बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की स्थिति प्रमुख मुद्दा हैं. लेकिन मुझे बजट में कोई ठोस विचार नहीं दिखा, जिससे कहा जाए कि हमारे नौजवानों को रोजगार मिलेगा.

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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट को दिशाहीन बताते हुये कहा, 'वित्त मंत्री ने इस दशक का पहला दिवालिया बजट पेश किया है. हमें उम्मीद नहीं है कि इस बजट से किसानों के जीवन में कोई बदलाव आयेगा, गरीब के परिवार में कोई खुशहाली आयेगी. बजट में नौजवानों के लिये रोजगार के नये अवसर सृजित करने के कोई प्रावधान नहीं किए गए हैं.'