logo-image

पटना में 3 घंटे तक एंबुलेंस में पड़ा रहा शव, श्मशान कर्मियों ने नहीं किया अंतिम संस्कार

पटना में एक महिला का शव श्मशान घाट में तीन घंटे तक एंबुलेंस में पड़ा रहा.

Updated on: 03 Nov 2022, 05:33 PM

highlights

.3 घंटे तक एंबुलेंस में पड़ा रहा शव
.श्मशान कर्मियों ने नहीं किया अंतिम संस्कार
.महिला के नाम के चलते नहीं हुआ अंतिम संस्कार
.पुलिस से बातचीत के बाद माने श्मशानकर्मी

Patna:

पटना में एक महिला का शव श्मशान घाट में तीन घंटे तक एंबुलेंस में पड़ा रहा. क्योंकि श्मशान घाट के कर्मचारियों ने उसका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. दरअसल मरने वाली महिला के नाम के आगे परवीन शब्द जुड़ा है. लिहाजा उस शव की अंत्येष्टी श्मशान घाट में नहीं हो सकती थी. हालांकि ये कहानी शुरू होती है पटना सिटी के एसजीजीएस अस्पताल से... जहां एक महिला बच्चे को जन्म देने के बाद अस्पताल में भर्ती होती है, लेकिन भर्ती होने के तुरंत बाद महिला का नवजात अस्पताल से ही गायब हो जाता है. ख़बर मिलते ही पूरे अस्पताल में हड़कंप मच जाता है. पूरा अस्पताल प्रबंधन बच्चे को ढूंढने की जद्दोजहद करने लगता है. हालांकि कुछ देर की मशक्कत के बाद बच्चा सही सलामत मिल जाता है, लेकिन तबतक नवजात की मां दम तोड़ देती है.

महिला की मौत के बाद उसका पति घंटों इस उधेड़बुन में रहा कि पत्नी का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति से करें या मुस्लिम विधि से. दरअसल मोहम्मद साहिल ने हिंदू लड़की सोनी कुमारी से एक साल पहले लव मैरिज की थी. जब महिला ने अपने बच्चे को जन्म दिया तो तबीयत बिगड़ने के चलते उसकी मौत हो गई. इस बीच अस्पताल में ही उसका नवजात भी गायब हो गया. हालांकि पिता को उसका बच्चा तो सही सलामत मिल गया, लेकिन उसकी तकलीफें यहीं खत्म नहीं हुई. जब वो अपनी पत्नी के शव को लेकर श्मशान पहुंचा तो कर्मचारियों ने शव का अंतिम संस्कार करने से ही मना कर दिया. क्योंकि महिला के नाम में परवीन शब्द जुड़ा था.

यह भी पढ़ें : ED के सामने पेश नहीं होंगे सीएम हेमंत सोरेन, JMM कार्यकर्ताओं में आक्रोश, इन जगहों पर बढ़ाई गई सुरक्षा

अंतिम संस्कार ना होने के चलते शव तीन घन्टे तक एम्बुलेंस में ही पड़ा रहा. अंत में अस्पताल प्रशासन ने खाजेकलां थाना पुलिस की मदद मांगी. जिसके बाद मौके पर पहुंचे दरोगा अर्जुन सिंह और अस्पताल प्रबंधक मो. शब्बीर अहमद ने पूर्व वार्ड पार्षद से बात की तब जाकर शव का हिंदू-रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया.

ये घटना जितनी अजीबो-गरीब है, उतनी ही झकझोर देने वाली भी. कहते हैं धर्म नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, लेकिन यहां धर्म के आधार पर एक शव का अंमित संस्कार करने से इनकार कर दिया गया. बहरहाल, इस तरह की घटनाएं समाज के सामने कई बड़े सवाल खड़े करती है.

रिपोर्ट : आनन्द कुमार