यूरिया के मुद्दे पर बीजेपी ने महागठबंधन सरकार को घेरा, संजय जायसवाल ने लगाए गंभीर आरोप
संजय जायसवाल ने कहा है कि बिहार के माननीय कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत जी भी अपने मुख्यमंत्री से सीखते हुए लगातार खाद की कमी के बारे में बिहार की जनता से झूठ बोल रहे हैं.
highlights
- यूरिया के मुद्दे पर बीजेपी ने सरकार को घेरा
- झूठ बोलने का लगाया आरोप
- संजय जायसवाल ने आंकडों का दिया हवाला
Patna:
यूरिया की कमी को लेकर एक बार फिर से बीजेपी ने सूबे की महागठबंधन सरकार को घेरा है. सीएम नीतीश और कृषिमंत्री पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने झूठ बोलने का आरोप लगाया है. संजय जायसवाल ने कहा है कि बिहार के माननीय कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत जी भी अपने मुख्यमंत्री से सीखते हुए लगातार खाद की कमी के बारे में बिहार की जनता से झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में आज की तारीख में 97 हजार मैट्रिक टन यूरिया और 66 हजार मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है. मैं इसके साथ विभिन्न जिलों में भी 19 तारीख तक कितना खाद उपलब्ध था उसका डाटा लगा रहा हूं.
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संजय जायसवाल ने आगे कहा कि बिहार में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां उर्वरक उपलब्ध नहीं हो. सच यही है कि बिहार में कृषि अधिकारी और खाद्य वितरकों का माफिया गठजोड़ हो गया है. उन्होंने आगे कहा कि मैं सभी डाटा उपलब्ध करा रहा हूं. अगर मैं गलत हूं तो माननीय नीतीश कुमार जी को मुझ पर झूठ फैलाने का एफ आई आर दर्ज करना चाहिए वरना उनके कृषि मंत्री को सार्वजनिक रूप से बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए कि उर्वरक की किल्लत बिहार के अधिकारियों के गठजोड़ के कारण है.
बिहार में आज की तारीख में 97 हजार मैट्रिक टन यूरिया और 66 हजार मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। मैं इसके साथ विभिन्न जिलों में भी 19 तारीख तक कितना खाद उपलब्ध था उसका डाटा लगा रहा हूं।
— Dr. Sanjay Jaiswal (@sanjayjaiswalMP) December 20, 2022
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मोतिहारी के अन्नदाता परेशान, यूरिया तस्कर मालामाल!
बिहार के अन्नदाता यूरिया संकट से जूझ रहे है. फसल को बचाने की जद्दोजहद में किसान दर-दर भटकने को मजबूर है लेकिन उन्हें यूरिया नहीं मिल पा रही है. अगर कहीं यूरिया के दर्शन हो भी जाए तो उसकी कीमत सुन गरीब किसानों के पसीने छूट जाते है, क्योंकि जिस यूरिया की कीमत सरकार ने 266 रुपए तय किए है, वही यूरिया नेपाल में कारोबारी 1200 रुपए में बेच रहे है. यानी भ्रष्ट अधिकारियों की भूख अन्नदाता के पेट पर लात मार रही है. एक तरफ जहां यूरिया की एक-एक बोरी के लिए किसान भटक रहे है तो वहीं दूसरी ओर सैंकड़ों बोरी यूरिया खुले आम तस्करी कर नेपाल भेजी जा रही है. बॉर्डर पार कर यूरिया तय कीमत से कई गुना ज्यादा कीमत पर बेची जा रही है और ये सारा खेल हो रहा है सिस्टम के सहारे हो रहा है. क्योंकि यूरिया की कालाबाजारी बिना अधिकारियों के मिले नहीं की जा सकती.
खाद को लेकर मचे त्राहिमाम के बीच जिला कृषि पदाधिकारी ने कालाबाजारी की पूरी जिम्मेदारी बॉर्डर पर तैनात SSB पर थोप दिया है और मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है लेकिन जिले के कस्टम की टीम ने बॉर्डर पर बड़ी कार्यवाई करते हुए जिला कृषि विभाग के काले करतूत की पोल खोल दी है. दरअसल कस्टम टीम ने कुण्डवा चैनपुर इलाके से लगभग 1000 बोरी उर्वरक और यूरिया को जब्त किया. इन खादों को नेपाल भेजने की तैयारी की जा रही थी. कस्टम विभाग की इस बड़ी कार्यवाई के बावजूद जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद ने जो बेतुका बयान दिया उसे सुन आप भी चौक जाएंगे. दरअसल, कृषि पदाधिकारी का कहना है कि यूरिया के कालाबाजारी के जिम्मेदार बॉर्डर पर तैनात एसएसबी है लेकिन माननीय शायद ये जवाब देना भूल गए कि इतनी बड़ी मात्रा में यूरिया बॉर्डर तक पहुंची कैसे.
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