BJP-JDU में तकरार के बीच अमित शाह ने संभाली कमान, नीतीश से की बात
बिहार में सियासी घमासान के बीच भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने हालात का जायजा लेने और एक्शन प्लान तैयार करने के लिए बिहार भाजपा के शीर्ष नेताओं को दिल्ली बुलाया है.
पटना:
बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की है. बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच लगभग 7 मिनट तक बात हुई. हालांकि, ये खुलासा नहीं हो पाया है कि दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई है. लेकिन माना जा रहा है कि शाह ने बिहार में हाथ से फिसलती हुई सत्ता को बचाने के लिए ये पहल की है. इसके साथ ही भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने हालात का जायजा लेने और एक्शन प्लान तैयार करने के लिए बिहार भाजपा के शीर्ष नेताओं को दिल्ली बुलाया है. इसके साथ ही बिहार भाजपा के दिग्गज नेता रविशंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन, नितिन नवीन, सतीश चंद्र दुबे दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं.
बताया जा रहा है कि सूबे में सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड में जारी अंदरूनी घटनाक्रम के मद्देनजर बिहार की सभी राजनीतिक दलों जैसे राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, हम और वामपंथी दलों के बीच राज्य के अन्य राजनीतिक दलों के मंगलवार को अलग-अलग बैठकें बुलाने के मद्देनजर इन नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पुष्टि की है कि उनकी पार्टी ने मंगलवार को बैठक में सभी विधायकों, एमएलसी और सांसदों को उपस्थित रहने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह के जाने के कारण स्थिति उत्पन्न होने पर भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई गई है. हालांकि, कारण बहुत स्पष्ट नहीं लगता है, क्योंकि मंगलवार को पटना में अन्य राजनीतिक दल भी यही कवायद कर रहे हैं.
भाजपा के साथ सब कुछ ठीक होने किया जा रहा दावा
हालांकि, राजनीतिक दलों की बैठकों का दौर शुरू होने पर भाजपा ने कहा है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. इसकी राज्य इकाई के प्रमुख संजय जायसवाल ने कहा कि हर पार्टी अपने विधायकों की बैठक करती है और इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है. हमने 31 जुलाई को भी ऐसा ही किया था. फिलहाल, बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सुचारू रूप से चल रही है. वहीं, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार सुचारू रूप से चल रही है. फिलहाल, हमारा भाजपा से कोई मतभेद नहीं है.
ना-ना कहते-कहते नीतीश पहले भी मार चुके हैं पलटी
हालांकि, यह 2017 की स्थिति के साथ प्रतिध्वनित हो रहा है, जब जदयू नेता दावा कर रहे थे कि अंतिम समय तक महागठबंधन (राजद और कांग्रेस के साथ) के साथ सब ठीक था. फिर नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने यह भी सिफारिश की कि राज्यपाल विधानसभा को भंग कर दें. हालांकि, इस बार स्थिति बदल गई है और माना जा रहा है कि नीतीश कुमार राज्यपाल को अपने मंत्रिमंडल से विशेष मंत्रियों को बर्खास्त करने की सिफारिश करेंगे.
ऑफ द रिकॉर्ड जदयू नेता ने माना भाजपा से बढ़ी खटास
जदयू के एक अंदरूनी सूत्र का मानना है कि उनकी पार्टी और भाजपा के बीच संबंधों में खटास के कई कारण हैं. इसकी एक वजह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का बयान है, जिन्होंने 31 जुलाई को कहा था कि वह देश से हर क्षेत्रीय पार्टी का सफाया करना चाहते हैं. उनका निशाना राजद, जदयू, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे समूह), शिरोमणि अकाली दल, दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी आदि पर था.
ये भी पढ़ेंः भैंसासुर बनकर घास-भूसा खाने वाले शख्स का हैरान करने वाला Video Viral
भाजपा-जेडीयू गठबंधन टूटने के हैं आसार
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री 7 अगस्त को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे. ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है कि जदयू ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने पर विचार किया हो. साथ ही 200 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी के 'प्रवास' कार्यक्रम को जदयू के लिए खतरे के तौर पर देखा जा रहा है. इससे भी जेडीयू नेताओं में बारी बेचैनी पाई जाती है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत
-
Principles Of Hinduism : क्या हैं हिंदू धर्म के सिद्धांत, 99% हिंदू हैं इससे अनजान
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Types Of Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष क्या है? यहां जानें इसके प्रभाव और प्रकार के बारे में