सेपक टकरा वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा बिहार, अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर प्रदेश को मिलेगी बड़ी पहचान
Sepaktakraw World Cup 2025: सेपक टकरा वर्ल्ड कप 2025 को लेकर सोमवार को विभागीय अधिकारियों की बैठक हुई. खेल विभाग 20 देशों और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की मेजबानी करेगा.
Sepaktakraw World Cup 2025: सेपक टकरा वर्ल्ड कप 2025 को लेकर सोमवार यानि 10 मार्च को खेल विभाग पटना में विभागीय अधिकारियों की एक बैठक हुई. इसमें अपर मुख्य सचिव के अधिकारियों ने आयोजन को लेकर चर्चा की. खेल विभाग ने 20 देशों और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की मेजबानी को लेकर तैयारी पूरी कर ली है. यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट 20 से 25 मार्च 2025 तक पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में होना है. यहां पर खेल विभाग ने सभी जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल सुविधाएं, खिलाड़ियों के लिए जरूरी सुविधाएं, सुरक्षा प्रबंध और आयोजन से जुड़ी कई व्यवस्थाएं होंगी. इस विश्व स्तरीय आयोजन से बिहार को अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर बड़ी पहचान मिलेगी. इसके साथ प्रदेश में खेलों के विकास को बढ़ावा मिलेगा.
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khel2 Photograph: (social media)
आवेदन की आखिरी तारीख 15 मार्च 2025 तक बढ़ाई
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि ग्राम पंचायत और नगर पंचायत खेल क्लबों के आवेदन की आखिरी तारीख 15 मार्च 2025 तक बढ़ाई दी गई है. जिन ग्राम पंचायतों ने अब तक आवेदन नहीं किया है. उनके पास आवेदन करने का आखिरी मौका है. इस पहल का लक्ष्य सभी पंचायतों और नगर पंचायतों से ज्यादा-ज्यादा से आवेदन प्राप्त करने हैं. लगभग सभी पंचायतों से आवेदन मिल चुके हैं. मगर जो अभी लंबित हैं, उन्हें एक और मौका दिया गया है.
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 5 जिले में होंगे
खेलो इंडिया यूथ गेम्स और पांच जिलों – बेगूसराय, भागलपुर, राजगीर, गया और पटना में खेल अवसंरचना विकास भी प्राथमिकता में शामिल है. इन परियोजनाओं के विकास का निरीक्षण करने को लेकर अपर मुख्य सचिव स्वयं बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक और खेल निदेशक के साथ जगह का भ्रमण करेंगे.
नया डैशबोर्ड बनाया
खेल विभाग बिहार में चल रहे विभिन्न खेल अवसंरचना परियोजनाओं की रीयल टाइम में निगरानी तय करने को लेकर नया डैशबोर्ड बनाया गया है. इस डैशबोर्ड के जरिए जिला खेल पदाधिकारी और अन्य फील्ड अफसर खेल अवसंरचना निर्माण और रखरखाव की रीयल टाइम फोटो नियमित रूप से शेयर कर सकेंगे. इस तरह से परियोजनाओं की प्रगति पर प्रभावी निगरानी तय हो सकती है.