Bihar Voter List Review: बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य किया जा रहा है. जिसका पहला चरण पूरा हो गया है. शुक्रवार को चुनाव आयोग ने इस बारे में जानकारी दी. चुनाव आयोग ने बताया कि पहले चरण के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) अब तक राज्य में लगभग 1.5 करोड़ परिवारों तक पहुंचे हैं. इस दौरान बीएलओ ने 6.86 करोड़ से अधिक गणना फॉर्म वितरित किए हैं. जो 24 जून, 2025 तक अपडेट किए गए रिकॉर्ड के मुताबिक, बिहार में 7.90 करोड़ नामांकित मतदाताओं का 87 प्रतिशत से ज्यादा है.
चुनाव आयोग के मुताबिक, बीएलओ मतदाताओं के घरों में तीन बार पुनरीक्षण के लिए पहुंचेंगे. जिससे माना जा रहा है कि गणना फॉर्म वितरण और संग्रह के आंकड़े में और बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं आंशिक रूप से भरे गए फॉर्म चुनाव आयोग के पोर्टल और ईसीआईएनईटी ऐप पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध करा दिए गए हैं, जिन्हें कोई भी मतदाता डाउनलोड कर सकता है.
1.5 लाख से अधिक बीएलए भी कर रहे पुनरीक्षण में मदद
बता दें कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के कार्य के लिए कई राजनीतिक दलों की ओर से 1,54,977 बूथ लेवल एजेंट (BLA) को भी लगाया गया है. इसमें बीजेपी ने 2 जुलाई तक 52,689, आरजेडी ने 47,504, जेडीयू ने 34,669 और कांग्रेस ने 16,500 बीएलए नियुक्त किए हैं. इनके अलावा राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ने 1,913, सीपीआई (ML)एल ने 1,271, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 1,153, सीपीआई (M) ने 578, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने 270, बीएसपी ने 74, एनपीपी ने 3 और आप ने एक बीएलओ को इस काम में लगाया है.
एक दिन में 50 प्रमाणित फॉर्म जमा कर सकते हैं बीएलए
भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रत्येक बीएलए एक दिन में सिर्फ 50 प्रमाणित फॉर्म ही जमा कर सकता है. चुनाव आयोग को अब तक बीएलओ से करीब 38 लाख भरे और हस्ताक्षरित फॉर्म मिल चुके हैं. ये काम चुनाव आयोग के समावेशन सर्वप्रथम के मंत्र के साथ किया जा रहा है. बता दें कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत, 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए मतदाताओं को 25 जुलाई तक पूर्व-मुद्रित गणना फॉर्म जमा करना होगा.
वहीं चुनाव आयोग ने अपलोड किए गए फॉर्मों का सत्यापन भी शुरू कर दिया है. चुनाव आयोग डाफ्ट सूची प्रकाशन के बाद 2 अगस्त से दावे और आपत्तियों को स्वीकार करेगा. जबकि चुनाव आयोग अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित करेगा. इसके बाद जिलाधिकारी और सीईओ के पास अपील दायर करने का विकल्प होगा. चुनाव आयोग का कहना है कि तमाम आशंकाओं के बावजूद, पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और समावेशी होगी. जिससे सभी पात्र मतदाताओं को शामिल किया जाएगा.