Waqf Amendment Bill: गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. इस विधेयक को लेकर 'इंडिया' गठबंधन ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. विपक्षी नेताओं ने इस बिल को संविधान विरोधी और संघीय ढांचे पर हमला करार दिया है. बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने इस विधेयक के विरोध में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे भाजपा की साजिश बताया.
तेजस्वी यादव का बिल के खिलाफ रुख
आपको बता दें कि तेजस्वी यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस बिल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए लिखा कि वक्फ कानून में संशोधन भाजपा की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है, जिसमें जदयू और लोजपा का भी समर्थन है. उन्होंने कहा कि भाजपा इस ध्रुवीकरण के औजार का उपयोग कर रही है और यह विधेयक संविधान की धारा-29 के खिलाफ है, जो सभी धर्मों को स्वायत्तता और स्वतंत्रता प्रदान करती है. तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने इस विधेयक के खिलाफ लड़ने का निर्णय लिया है और इसके लिए राजद के सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा में इसका पुरजोर विरोध करने का निर्देश दिया गया है.
वहीं तेजस्वी यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठनों के साथ विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि राजद के सांसद संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में इस बिल के हर पहलू पर विस्तार से चर्चा करेंगे और अपनी आपत्तियों को मजबूती से रखेंगे.
विपक्ष का संयुक्त विरोध
साथ ही विपक्षी दलों ने भी लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक का जोरदार विरोध किया. उन्होंने इसे संविधान और संघीय ढांचे पर एक बड़ा हमला बताया. विपक्षी नेताओं का मानना है कि यह विधेयक न केवल मुस्लिम विरोधी है, बल्कि यह संविधान में दिए गए अधिकारों का भी उल्लंघन करता है.
वहीं सरकार ने वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन के इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया और इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की अनुशंसा की. विपक्षी दलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे खतरनाक विधेयक करार दिया और कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला करता है.
विपक्ष की रणनीति
आपको बता दें कि विपक्षी दलों की रणनीति इस विधेयक के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने की है. उनका मानना है कि इस विधेयक का मकसद मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को सीमित करना और धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित करना है. तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेताओं के नेतृत्व में इस मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में जोरदार बहस की संभावना है.
इसके अलावा आपको बता दें कि इस विधेयक के खिलाफ विपक्ष का एकजुट विरोध सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर कितना दबाव बना पाता है और सरकार किस तरह से इस विधेयक को आगे बढ़ाने का प्रयास करती है.