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सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार शिक्षा में उल्लेखनीय योगदान के लिए मास्को में हुए सम्मानित

बिहार की चर्चित कोचिंग संस्था सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए सोमवार को मास्को में सम्मानित किया गया। आनंद कुमार आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने के लिए पटना में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए कोचिंग चलाते हैं।

Updated on: 31 Jul 2017, 08:33 PM

highlights

  • मास्को स्थित 'ओवरसीज बिहार एसोसिएशन' ने आनंद कुमार को किया सम्मानित
  • आनंद कुमार बिहार में सुपर 30 के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे

नई दिल्ली:

बिहार की चर्चित कोचिंग संस्था सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए सोमवार को मास्को में सम्मानित किया गया। आनंद कुमार आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने के लिए पटना में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए कोचिंग चलाते हैं।

सोवियत रूस में सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली 'ओवरसीज बिहार एसोसिएशन' ने आनंद के शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए उन्हें मास्को में आयोजित एक समारोह में संगठन की 70वीं सालगिरह के मौके पर सम्मानित किया।

आनंद ने समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'बिहार के लोग विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं। किसी भी बिहारी में कर्म और संकल्पशक्ति दोनों होता है। अगर मजबूत इरादा कर ले तो बिहारी हर कार्य को सफलतापूर्वक कर सकता है।'

मास्को के वेगास हॉल में आनंद ने प्रवासी बिहारियों से अपील करते हुए कहा, 'प्रवासी बिहारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे बिहारी प्रतिभा को निखारने के लिए जमीन तैयार करें। बिहारी छात्रों को अगर मौका मिले तो वे नई ऊंचाइयों को छूएंगे।'

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बिहार की राजधानी पटना में सुपर 30 के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए सतत प्रयत्नशील गणितज्ञ आनंद कुमार की इस संस्थान की लोगों ने काफी तारीफ की।

इस मौके पर एसोसिएशन के वक्ताओं ने कहा, 'आनंद कुमार बिहार में सुपर 30 के माध्यम से एक क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। प्रत्येक साल 30 गरीब समाज के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाना, उनके खाने व रहने की व्यवस्था करना और उन्हें इस घनघोर बाजारवाद के दौर में बिना शुल्क लिए आईआईटी में प्रवेश दिलाना कोई साधारण कार्य नहीं है।'

एसोसिएशन के लोगों ने आनंद की तारीफ में कहा कि आनंद न केवल बच्चों का भविष्य गढ़ रहे हैं, बल्कि देश और दुनिया में एक नायाब और बेमिसाल उदाहरण भी पेश कर रहे हैं।

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