Bihar Poster Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ती जा रही है. अब सियासत सिर्फ रैलियों और नारों तक सीमित नहीं रही, बल्कि पार्टी कार्यालयों की दीवारें भी राजनीतिक संदेश देने लगी हैं. इस बार का बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है 'पोस्टर पॉलिटिक्स'.
ये है पूरा मामला
हाल ही में पटना स्थित जेडीयू और बीजेपी के प्रदेश कार्यालयों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साझा तस्वीरें लगाई गई हैं. इन तस्वीरों के साथ लिखा गया है — 'सोच दमदार, काम असरदार, फिर एक बार एनडीए सरकार'. इससे साफ संकेत मिल रहा है कि दोनों पार्टियां 2025 के विधानसभा चुनाव में मिलकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं.
क्या हैं पोस्टर के मायने
बीजेपी दफ्तर पर लगे पोस्टर में जहां नीतीश कुमार नजर आ रहे हैं, वहीं जेडीयू कार्यालय में नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रमुखता से लगाई गई है. इसका राजनीतिक मतलब यह निकाला जा रहा है कि एनडीए एकजुट है और दोनों नेता अब एक-दूसरे के ब्रांड फेस के रूप में प्रचारित किए जा रहे हैं.
आरोप-प्रत्यारोप जारी
विपक्ष, खासकर आरजेडी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी का कहना है कि जेडीयू अब पूरी तरह से बीजेपी के आगे झुक चुकी है और उसकी राजनीतिक पहचान खत्म होती जा रही है. जवाब में जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि यह पोस्टर एनडीए की एकता का प्रतीक हैं और नीतीश कुमार ही गठबंधन का चेहरा होंगे.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह पोस्टर सिर्फ प्रचार का माध्यम नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है कि राज्य और केंद्र की सरकारें साथ हैं और यही गठबंधन विकास की गारंटी है.
दिलचस्प बात यह है कि 2013 में जब नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की तस्वीरें एक साथ आई थीं, तब गठबंधन टूट गया था. लेकिन अब वही तस्वीरें गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश का हिस्सा बन गई हैं.
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