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क्या होगी नीतीश की अगली चाल( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
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देश लोकसभा चुनाव की दिशा में बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है. वहीं 3 दिसंबर को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ ही देश की राजनीतिक पार्टियां दिल्ली की गद्दी के लिए जंग शुरू कर देंगी.
क्या होगी नीतीश की अगली चाल( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
Bihar Politics News: देश लोकसभा चुनाव की दिशा में बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है. वहीं 3 दिसंबर को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ ही देश की राजनीतिक पार्टियां दिल्ली की गद्दी के लिए जंग शुरू कर देंगी, लेकिन इन सबके बीच बिहार की सियासत किस करवट बैठेगी इस पर हर किसी की नजर होगी. बता दें कि महागठबंधन की सरकार चला रही जेडीयू और आरजेडी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. खासकर नीतीश और लालू के बीच एक ऐसी लड़ाई चल रही है जो देश की सत्ता के लिए जोर लगाने वाले दोनों बड़े दल बीजेपी और कांग्रेस के लिए रास्ता मुश्किल भी कर सकती है और कठिन भी कर सकती है. बता दें कि जिस INDIA गठबंधन को लेकर विपक्ष एकजुटता की बात कर रहा है उसके बीज नीतीश ने डाले हैं.
आपको बता दें कि, नीतीश ही वो पहले नेता थे जिन्होंने अपनी कोशिसो से इंडिया गठबंधन की मजबूती के लिए बेहतर और सफलतम प्रयास किए हैं, लेकिन ये वैसे ही था जैसे दूध को उबालने के लिए जिसने मेहनत की, उसे दूध पर मलाई पड़ते ही किनारे करने की कोशिस हो गई. इसके पीछे आरजेडी के लालू प्रसाद यादव की भूमिका को ना सिर्फ नीतीश बल्कि उन्हे चाहने वाले भी मानते हैं.
वहीं बता दें कि लालू ने ऐसा क्यों किया इसका जवाब तो कोई नहीं जानता, लेकिन कहते हैं कि लालू ने कभी नहीं चाहा कि राजनीति में कभी नीतीश के सीनियर रहे लालू अपने से बड़े कद पर नीतीश को देखें. नीतीश संयोजक की भूमिका में इंडिया गठबंधन की नाव को आगे बढ़ाना चाहते थे लेकिन लालू ने कांग्रेस के साथ मिलकर उन्हें ही साइडलाइन कर दिया. लालू की इस कोशिश को नीतीश ने भांप लिया और इसका असर बिहार की राजनीति में महागठबंधन पर दिखने लगा, जो बिहार छोड़कर केंद्र की राजनीति में जाने का सपना देखने वाले नीतीश कुमार अब बिहार की राजनीति में ही खुद को स्थापित करने के मूड में दिख रहे हैं.
इसके साथ ही आपको बता दें कि लालू इस कोशिश में थे कि अगर नीतीश केंद्र की राजनीति में व्यस्त रहते तो वे अपने बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी को राज्य की सत्ता पर बैठा सकते थे, लेकिन लालू ने डबल गेम खेलकर नीतीश को चौकन्ना कर दिया. अब कब तक राजद के साथ रहेंगे नीतीश? क्या वह एक बार फिर लालू यादव को उन्हीं की चाल में फंसाने के लिए एनडीए का दामन थामेंगे ? अब ये तो नीतीश ही जानते हैं. पिछले दिनों ऐसे कई बयान और घटनाएं आईं जिसने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि नीतीश एनडीए का हिस्सा हो सकते हैं. अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो वक्त ही बताएगा.
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Source : News State Bihar Jharkhand