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जीतन राम मांझी( Photo Credit : Newsstate Bihar Jharkhand)
Bihar Politics News: बिहार में इन दिनों सियासी पारा चढ़ा हुआ है, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. वहीं अब नेताओं की भी बयानबाजी तेज हो गई है. इस बीच हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इंडिया गठबंधन के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है. जीतन राम मांझी ने इंडिया गठबंधन को फिर से 'घमंडिया गठबंधन' बोलकर एक बड़ा बयान दे दिया है. वहीं बता दें कि इस बार (2024) का लोकसभा चुनाव भी काफी दिलचस्प होने वाला है. इस बार राजद प्रत्याशी पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत और हम के संस्थापक अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच सीधा मुकाबला है. इस मुकाबले में वही जीतेगा जो कलह को रोकने में सफल होगा. दिलचस्प बात यह है कि 2024 के मुकाबले में एक-दूसरे के सामने खड़े दोनों गठबंधनों के उम्मीदवारों को नाराज मतदाताओं को मनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है.
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'घमंडिया गठबंधन' की मंशा ही खराब है' - मांझी
आपको बता दें कि जीतन राम मांझी ने 'इंडिया गठबंधन' को आड़े हाथ लेकर कहा है कि, ''घमंडिया गठबंधन के बारे में हम पहले दिन से कह रहे थे कि इनकी मंशा खराब है. उनकी मंशा यह नहीं है कि बेरोजगारी और महंगाई खत्म हो. वे लोग स्वार्थ में एक दूसरे की टांग खींच रहे हैं. अभी तक सीट बंटवारा नहीं कर पाए हैं. वहीं हमारा एनडीए देखिए- एक नंबर वेल एंड एडवांस्ड है. सीट बंटवारा से लेकर हर चीज क्लियर हो गया है.'' जीतन राम मांझी का ये बयान बिहार कि सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है.
'PM बनने के लिए 5 लोग मुंह लपलपाए हुए हैं' - जीतन राम मांझी
वहीं आपको बता दें कि आगे जीतन राम मांझी ने कहा कि, ''घमंडिया गठबंधन के लोगों को सिर्फ टेंशन इस बात की है कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा, इसके लिए 5 लोग मुंह लपलपाए हुए हैं. घमंडिया गठबंधन में तो पार्टी एक दूसरे से भिड़ रहे हैं. कांग्रेस-आरजेडी से भिड़ रही है तो सीपीआई वाला सीपीएम से भिड़ रहा है. उन लोगों का कोई भविष्य नहीं है, वे लोग टूट गए हैं.''
गया के उम्मीदवार
आपको बता दें कि पहले चरण के लिए मतदान 19 अप्रैल 2024 को होगा. इस बार कुल 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें मुख्य मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री और 'हम' के संस्थापक अध्यक्ष जीतन राम मांझी और राजद के कुमार सर्वजीत के बीच है. इसके अलावा 5 अन्य पार्टी के उम्मीदवार और बाकी 7 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं. साल 1989 में गया से जनता दल के ईश्वर चौधरी जीते थे. वहीं, 1998 के लोकसभा चुनाव में ईश्वर चौधरी को ही जीत मिली. बता दें कि 2004 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार राजेश कुमार ने जीत हासिल की थी, वहीं साल 2019 में जेडीयू के उम्मीदवार विजय मांझी ने जीत हासिल की.
HIGHLIGHTS
- जीतन राम मांझी फिर क्यों हुए नाराज
- महागठबंधन को कहा- 'घमंडिया गठबंधन' की मंशा ही खराब है'
- 'PM बनने के लिए 5 लोग मुंह लपलपाए हुए हैं'- मांझी
Source : News State Bihar Jharkhand