दही-चूड़ा खिलाकर शुरू होगा लालू यादव का खेला, मकर संक्रांति पर सियासत
एक तरफ बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती दिख रही है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार में पक्ष-विपक्ष के द्वारा बयानबाजियों का दौर भी शुरू है. इसी बीच लालू यादव का दही-चूड़ा भोज इसबार फिर होने जा रहा है.
highlights
- लालू यादव फिर करेंगे दही-चूड़ा का सियासी खेल
- बिहार में चर्चित रहा है लालू का 'दही चूड़ा' भोज
- मकर संक्रांति में राबड़ी आवास पर महाजुटान
Patna:
Bihar Politics News: एक तरफ बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती दिख रही है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार में पक्ष-विपक्ष के द्वारा बयानबाजियों का दौर भी शुरू है. इसी बीच लालू यादव का दही-चूड़ा भोज इसबार फिर होने जा रहा है. बता दें कि बिहार की राजनीति में लालू यादव का दही-चूड़ा भोज हमेशा मशहूर रहा है. इस दही-चूड़ा-गुड़ की मिठास ने कई राजनेताओं की कड़वाहट दूर कर दी है. जिस तरह तिल की प्रकृति गर्म होती है, उसी तरह लालू यादव भी तिलकुट खिलाकर बिहार की सियासी गर्मी को और बढ़ा देते हैं. ऐसे में मकर संक्रांति पर राजद सुप्रीमो लालू यादव का आवास एक बार फिर दही-चूड़ा भोज से गुलजार होने जा रहा है. इस बार लालू यादव मकर संक्रांति की बड़ी तैयारी में जुटे हुए हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लालू यादव ने 14 और 15 जनवरी को राबड़ी आवास पर होने वाले दही-चूड़ा भोज की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है.
यह भी पढ़ें: Tej Pratap Yadav का फिर दिखा पिता प्रेम, सोशल मीडिया पर किया भावुक पोस्ट
आपको बता दें कि 2016 में जब लालू यादव ने मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया था तो इसकी राजनीतिक तौर पर काफी चर्चा हुई थी. नीतीश कुमार के साथ मिलकर साल 2015 में लालू यादव की पार्टी ने बिहार में विधानसभा का चुनाव लड़ा और बहुमत के साथ गठबंधन सरकार बनाई. बता दें कि लालू यादव और राबड़ी देवी के बाद उनके दोनों बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप यादव ने इसी दौरान राजनीति में कदम रखा. वहीं 2017 में राबड़ी आवास पर आयोजित दही-चूड़ा भोज के दौरान लालू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के माथे पर दही का तिलक लगाया था, उस वक्त वह तस्वीर काफी चर्चा में रही थी.
बिहार में चर्चित रहा है लालू का 'दही चूड़ा' भोज
आपको बता दें कि बिहार में दही-चूड़ा भोज की शुरुआत लालू प्रसाद ने साल 1994-95 में की थी, जब वह बिहार के मुख्यमंत्री थे. लालू प्रसाद यादव ने आम लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए दही-चूड़ा भोज का आयोजन शुरू किया था, जिसके बाद इसकी खूब चर्चा हुई और लालू यादव के भोज में शामिल होने के लिए बिहार के कोने-कोने से हजारों लोग आते रहे, इस दौरान कई तरह के राजनीतिक समीकरण भी बनते रहे. इस भोज के बहाने उन नेताओं को जरूर बुलाया गया, जिन्हें लालू अपने साथ जोड़ना चाहते थे. धीरे-धीरे दही-चूड़ा भोज राजद की परंपरा बन गयी. चारा घोटाले में लालू यादव के जेल जाने के बाद भी राजद ने इस परंपरा को कायम रखा.
हालांकि, साल 2021 में 26 साल बाद देश में कोरोना महामारी आने पर लालू परिवार के घर दही-चूड़ा खिलाने की परंपरा टूट गई. वहीं 2023 में तेजस्वी यादव एक बार फिर दही-चूड़ा भोज की तैयारी में थे, लेकिन, राजद के वरिष्ठ नेता शरद यादव के निधन के बाद ऐन वक्त पर भोज स्थगित करना पड़ा. अब एक साल बाद 2024 में लालू यादव फिर उसी अंदाज में दही-चूड़ा भोज देने की तैयारी में हैं, जिसके लिए वो जाने जाते हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
-
GT vs CSK Dream11 Prediction : गुजरात और चेन्नई के मैच में ये हो सकती है बेस्ट ड्रीम11 टीम, इसे चुनें कप्तान
-
PBKS vs RCB : बेंगलुरु ने जीत का 'चौका' लगाकर पंजाब को किया बाहर, RCB की प्लेऑफ की उम्मीद बरकरार
-
PBKS vs RCB : शतक से चूके कोहली, पटीदार और ग्रीन की तूफानी पारी, बेंगलुरु ने पंजाब को दिया 242 रनों का लक्ष्य
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Rohini Vrat 2024: रोहिणी व्रत पर अक्षय तृतीया का महासंयोग, आज से इन राशियों की होगी चांदी!
-
Girl Names Inspired By Maa Lakshmi: देवी लक्ष्मी पर रखें अपनी बिटिया का नाम, यहां है 50 नामों की लिस्ट
-
Swapna Shastra: गलती से भी किसी के साथ शेयर न करें ये 4 सपने, वरना हो जाएगा बहुत बड़ा नुकसान!
-
Yamunotri Dham Yatra: यमुनोत्री धाम यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो यहां जाने पूरी डिटेल