Bihar Politics: केके पाठक के फैसले को राज्यपाल ने किया खारिज, JDU-RJD ने बीजेपी पर साधा निशाना

शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक के फैसले को राज्यपाल ने खारिज कर दिया गया है.

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Jatin Madan
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शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक( Photo Credit : फाइल फोटो)

शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक के फैसले को राज्यपाल ने खारिज कर दिया गया है. दरअसल, केके पाठक ने बीआरए विश्विद्यालय के वीसी और प्रो वीसी के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाने का आदेश दिया था. अब राज्यपाल के प्रधान रॉबर्ट एल चोंग्थू ने बैंकों को आदेश जारी किया है कि बैंक IAS केके पाठक के आदेश का पालन ना करें. आपको बता दें कि 17 अगस्त 2023 को शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के बचत खाता और अन्य सभी खातों के लेन-देन पर रोक लगाने का आदेश दिया था, लेकिन उनके आदेश के महज 24 घंटे के भीतर ही राज्यपाल ने केके पाठक के आदेश को खारिज कर दिया है. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू ने मुजफ्फरपुर के 3 बैंको को इस  मामले में पत्र जारी किया है. मुजफ्फरपुर SBI, PNB और Central Bank of India को इसकी कॉपी भेजी गई है. 

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आरजेडी ने बीजेपी पर बोला हमला

वहीं, इस मामले पर आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. भाई वीरेंद्र ने कहा कि ये हमेशा होता रहा है जब केंद्र में किसी की सरकार हो तो उनके द्वारा मनोनीत जब राजपाल होते हैं और बिहार में किसी और की सरकार होती है तो तनातनी हमेशा रहती है. राज्य सरकार ने अपने नियम अनुसार ही काम किया है. शिक्षा विभाग पर अगर सवाल उठाते हैं तो ठीक है. महामहिम हैं उनका अधिकार है विश्वविद्यालय देखने का, लेकिन शिक्षा विभाग का भी उतना ही अधिकार है, जहां पर अनियमितता हो रही है वहां पर रोक लगाना राज्य सरकार का भी और विभाग का भी दायित्व बनता है. वहीं, भाई वीरेंद्र ने कहा कि सरकार देख रही है कि कैसे खाते को सील किया गया. जिसके पास अधिकार होगा वो काम करेंगे, लेकिन हम देख रहे हैं कि इन दिनों शिक्षा विभाग में जिस तरीके से सुधार हो रहा है और शिक्षक जो है वो जागरूक हो रहे हैं और विद्यार्थी भी जो है वो विद्यालय में जाना शुरू कर चुके हैं. 

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KK पाठक का मतलब ही है विवाद: JDU

वहीं, इसको लेकर JDU MLC नीरज कुमार ने कहा कि जहां तक मेरी समझ है कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत विश्वविद्यालय के संबंध में राज्य सरकार को वित्तीय अनियमितता को जांच कर अगर उसमें कोई भी विषय गति पाई जाएगी तो सक्षम अधिकार प्राप्त है कि वह कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन आख़िर किस कारणों से किया गया है यह तो शिक्षा विभाग ही स्पष्ट करेगा. नीति सीधे तौर पर है कि अगर वित्तीय नियमितता हुई है अगर इसकी जांच हुई है. जांच के प्रतिवेदन के आलोक में विश्वविद्यालय पर कार्रवाई करने का अधिकार है, लेकिन किन मापदंड के अधिकार से किया है ये तो शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बताएंगे. वहीं, नीरज कुमार ने कहा कि विवाद तो बढ़ते ही रहता है, KK पाठक का मतलब ही है विवाद.

HIGHLIGHTS

  • ACS केके पाठक के फैसले को राज्यपाल ने खारिज
  • आरजेडी ने बीजेपी पर बोला हमला
  • KK पाठक का मतलब ही है विवाद: JDU

Source : News State Bihar Jharkhand

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