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Bihar Politics: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां ज़ोर पकड़ रही हैं और इसी के साथ सियासी समीकरणों में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं. लगातार राजनीतिक दलों की ओर से बैठकें ली जा रही हैं और आगे की दशा और दिशा तय की जा रही है. फिर चाहे वह सत्ताधारी एनडीए हो या फिर सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रहा महागठबंधन. दोनों ही ओर से चुनाव में जनता को साधने के लिए रणनीति पर काम हो रहा है. इसी कड़ी में बीजेपी अपनी आगामी चुनावी रणनीति को अंजाम देने में जुटी है. नीतीश भले ही खुद को सीएम फेस बता रहे हों, लेकिन अब तक किसी भी गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री के चेहरे का सस्पेंस हटाया नहीं गया है.
यही वजह है कि इन दिनों बिहार की राजनीति में बहस का केंद्र बन गए हैं विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी, जिन्हें लोग 'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से भी जानते हैं. मौजूदा वक्त में सहनी महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) का हिस्सा हैं, लेकिन भाजपा के नेताओं की ओर से आए हालिया बयानों ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है.
एनडीए की ओर इशारा, महागठबंधन में खलबली
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने हाल ही में एक बयान में कहा कि महागठबंधन में दरार तय है और एक प्रमुख दल एनडीए के संपर्क में है, हालांकि उन्होंने नाम नहीं लिया, लेकिन राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि उनका इशारा मुकेश सहनी की ओर था. उन्होंने यह भी कहा कि यदि उस दल को एनडीए में उचित सम्मान मिला तो उसकी वापसी संभव है. जायसवाल का यह बयान उस वक्त आया जब महागठबंधन की अहम बैठक होने वाली थी.
क्या फिर बदल सकते हैं पाला?
बीजेपी से ही अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले मुकेश सहनी पहले भी एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और बाद में मंत्री भी बने थे, लेकिन बाद में मतभेदों के चलते उन्होंने रास्ता अलग कर लिया. अब एक बार फिर चर्चाएं तेज हैं कि वे एनडीए में वापसी कर सकते हैं. सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र बीजेपी के एक बड़े नेता से संपर्क साधा गया है और सहनी को केंद्रीय राजनीति में एक "प्रभावशाली पद" का भी प्रस्ताव मिला है.
महागठबंधन में अभी बने हुए हैं सहनी
इन तमाम अटकलों के बीच सहनी ने गुरुवार को आरजेडी कार्यालय में आयोजित महागठबंधन की बैठक में हिस्सा लिया, जिससे यह संकेत भी गया कि फिलहाल वे गठबंधन के साथ हैं. हालांकि राजनीति में रिश्तों की स्थिरता अक्सर चुनावी गणित पर निर्भर करती है और मुकेश सहनी की राजनीति में लचीलापन सभी को ज्ञात है.
राजनीति के चतुर खिलाड़ी
राजनीतिक जानकारों की मानें तो मुकेश सहनी बिहार की राजनीति में उस स्थिति में हैं जहां उनका संपर्क लगभग सभी प्रमुख दलों से बना हुआ है. वे प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर तेजस्वी यादव और लालू यादव तक के करीब माने जाते हैं. यही वजह है कि उनकी राजनीतिक चालों पर सभी की निगाहें टिकी रहती हैं.
बहरहाल बिहार की राजनीति में मुकेश सहनी की स्थिति न केवल एक किंगमेकर जैसी हो सकती है, बल्कि उनकी अगली राजनीतिक चाल चुनावी समीकरणों को भी पलट सकती है. चाहे एनडीए में वापसी हो या महागठबंधन में डटे रहना, सहनी जिस भी ओर जाएंगे, उसका असर व्यापक हो सकता है.
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