बिहार में नए साल के शुरुआत के साथ ही सियासी गर्मी बहुत तेज हो गई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से यात्रा पर निकल रहे हैं, बिहार के लोगों की नब्ज टटोलने, विकास की रफ्तार देखेंगे और शराबबंदी के जमीनी हकीकत को समझेंगें. नीतीश कुमार की यात्रा को लेकर सियासत तेज हो गई है, क्योंकि यात्रा के ठीक पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बिहार में कार्यकर्ता सम्मेलन करने मंगलवार को पहुंच रहे हैं.
बिहार में राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटते नजर आ रहे हैं. 3 जनवरी को जेपी नड्डा बिहार के दौरे पर आ रहे हैं. वहीं, 5 जनवरी से नीतीश कुमार बिहार के दौरे पर निकल रहे हैं. नीतीश कुमार के यात्रा का सिलसिला 2005 से शुरू हुआ है और अब तक करीब 1 दर्जन से ज्यादा यात्रा कर चुके हैं.
नीतीश कुमार की अब तक की यात्राएं
न्याय यात्रा - 12 जुलाई 2005
विकास यात्रा - 9 जनवरी 2009
धन्यवाद यात्रा - 17 जून 2009
प्रवास यात्रा - 25 दिसंबर 2009
विश्वास यात्रा - 28 अप्रैल 2010
सेवा यात्रा - 9 नवंबर 2011
अधिकार यात्रा - 19 सितंबर 2012
संकल्प यात्रा - 5 मार्च 2014
संपर्क यात्रा - 13 नवंबर 2014
निश्चय यात्रा - 9 नवंबर 2016
विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा - 12 दिसंबर 2017
जल जीवन हरियाली यात्रा - 3 दिसंबर 2019
समाज सुधार अभियान - 22 दिसम्बर 2021 से शुरू
नीतीश कुमार की यात्रा को सबसे ज्यादा बल किसी से मिल रहा है तो वह है कांग्रेस पार्टी. कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा भी बिहार में 5 जनवरी को बांका से शुरू हो रही है. कांग्रेस अपनी यात्रा के साथ-साथ नीतीश कुमार के यात्रा के फायदे गिनवाने में जुड़ गई है. 3 जनवरी को जेपी नड्डा पटना में पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. वैशाली के पारू में राजनीतिक सभा करेंगे. बीजेपी इस सम्मेलन को लेकर उत्साहित है.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार के इस पूरे यात्रा पर सवाल उठा रही है. बीजेपी पूछ रही कि इस यात्रा का मकसद क्या और फायदा क्या. आखिर नीतीश कुमार इस यात्रा के जरिए करना क्या चाहते हैं. ऐसी यात्राओं पहले भी करते रहे हैं मगर ना बिहार का विकास हुआ और न बिहार के युवाओं को इसका कोई फायदा मिला. यह महज एक सरकारी यात्रा है और सरकारी खर्च पर नीतीश कुमार अपने पार्टी का फायदा करना चाह रहे हैं.
इधर नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड पूरा लेखा-जोखा लेकर बैठी है. एक तरफ नीतीश कुमार के यात्रा की प्रासंगिकता समझाने में जुटे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी के कार्यकर्ता सम्मेलन का मखौल भी उड़ा रहे हैं. साल शुरू होते बिहार का सियासी पारा सातवें आसमान पर है. अब देखना यह है यात्रा और सम्मेलन किसको कितना फायदा पहुंचाते हैं क्योंकि सभी के निशाने पर 2024 का लोकसभा चुनाव है.
HIGHLIGHTS
- 3 जनवरी को जेपी नड्डा बिहार के दौरे पर
- 5 जनवरी से नीतीश कुमार बिहार के दौरे पर
- भारत जोड़ो यात्रा भी बिहार में 5 जनवरी को
Source : News State Bihar Jharkhand