बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय में गुरुवार को एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें चुनाव लड़ने से पहले निर्वाचन आयोग को अपनी संपत्ति का सही ब्योरा न देने का आरोप लगाया गया है।
इस याचिका के माध्यम से सेंगर ने तेजस्वी और तेजप्रताप की बेनामी संपत्ति की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग भी की है। याचिकाकर्ता ने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए दोनों के निर्वाचन क्षेत्र में हुए मतदान को अवैध घोषित कर चुनाव परिणाम रद्द करने की मांग की है।
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पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन का पर्चा दाखिल करने के दौरान दिए गए हलफनामे में तेजस्वी और तेजप्रताप ने अपनी संपत्तियों का पूरा ब्योरा नहीं दिया था।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के छोटे पुत्र तेजस्वी राघोपुर से और बड़े पुत्र तेजप्रताप महुआ क्षेत्र से विधायक हैं।
उल्लेखनीय है कि हफ्तेभर पहले सेंगर ने बिहार के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के पते का गलत इस्तेमाल करने को लेकर पटना उच्च न्यायालय में लालू प्रसाद की बेटी चंदा यादव के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की थी।
पिछले दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू परिवार पर कथित रूप से करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति अर्जित करने और जमीन व मॉल घोटाले का आरोप लगाया है।
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HIGHLIGHTS
- तेजस्वी और तेजप्रताप की बेनामी संपत्ति की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग
- मतदान को अवैध घोषित कर चुनाव परिणाम रद्द करने की मांग
Source : IANS