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बिहार के इस जिले में एक बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग, नलजल भी 6 महीने से बंद; जानें

भीषण गर्मी के बीच अब बिहार के गया से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. दरअसल गया के कई क्षेत्रों में लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

Updated on: 05 Jun 2023, 03:29 PM

highlights

  • भीषण गर्मी में गया के कई जिलों में पानी को तरसे लोग
  • नलजल भी 6 महीने से बंद
  • जिला प्रशासन कर रही हर संभव कोशिश

 

 

 

Gaya:

भीषण गर्मी के बीच अब बिहार के गया से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. दरअसल गया के कई क्षेत्रों में लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. हालांकि जिला प्रशासन ऐसे जिलों में पानी भेज कर इस समस्या का समाधान कर रही है और कोशिश कर रही है कि कोई भी पानी के लिए परेशान न हो. ऐसा ही एक गांव जिले के डुमरिया प्रखंड के छकरबंधा पंचायत में है, जहां पिचुलिया गांव में लोगों को पानी के लिए पिछले कई दिनों से मशक्कत करनी पड़ रही है. यहां के लोग गांव से दूर एक चापाकल और कुएं से पानी भरकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं.

इसके साथ ही बता दें कि, गांव का ज्यादातर चापाकल सूख गया है. वहीं, बिजली न होने के कारण नल जल योजना भी पिछले 6 माह से बंद है. पानी की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहली बार इस गांव में टैंकर से पानी भेजा, लेकिन ग्रामीणों को दो दिन तक टैंकर से पानी मिलने के बाद यह बंद हो गया. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने बताया कि टैंकर से सिर्फ 2 दिन पानी दिया गया था. उसमें भी ज्यादातर लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया. बता दें कि उस दिन के बाद से यह अभी तक बंद है और एक बार भी टैंकर नहीं भेजा गया, जिससे कारण गांव वालों को काफी ज्यादा परेशानी हो रही है.

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आपको बता दें कि जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर पहाड़ों में बसे इस गांव के लोग पानी के लिए काफी परेशान हैं. पानी के लिए ग्रामीण गांव से एक किलोमीटर दूर बने हैंडपंप से पानी भरते हैं, लेकिन यह हैंडपंप भी 1 घंटे में जवाब दे देता है. इससे लोग कुएं से पानी भरकर अपना जीवन यापन करते हैं। इस भीषण गर्मी में गांव के ग्रामीणों के साथ-साथ जानवर भी परेशान हैं. साथ ही पानी की तलाश में जानवर चापाकलों के पास ही देखे जा रहे हैं. इस मंजर को देख कर साफ लग रहा है कि ईशान ही नहीं जानवर भी पानी के लिए परेशान हैं.

इसके साथ ही इस पुरे मुद्दें को लेकर ग्रामीणों कहना है कि, ''गांव में कोई तालाब नहीं है जिससे गर्मी के दिनों में गांव का जलस्तर नीचे चला जाता है, जिसके चलते पानी के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. जब दूर से पानी लाया जाता है तो खाना बनता है. इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी परेशानी होती है. अब लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन इस क्षेत्र में तालाब और पोखर बनवाए ताकि आने वाले दिनों में गांव की पानी  न भागे और लोगों को पानी की समस्या से जूझना न पड़े.''