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बिहार : अब स्कूली बच्चों के खाते में आयेंगे और अधिक रुपये, मिलेगा 8 से 12 किलो अनाज

यह व्यवस्था मई, जून और जुलाई के लिए है. मध्याह्न भोजन निदेशक कुमार रामानुज ने इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारियों, कार्यक्रम पदाधिकारियों एवं मध्याह्न भोजन के नोडल अफसरों को सोमवार को जरूरी दिशा निर्देश दे दिये हैं.

Updated on: 07 Jul 2020, 11:13 AM

पटना:

कोरोना संकट से बचाव के लिए राज्य में लागू स्कूलबंदी और ग्रीष्मावकाश में भी मध्याह्न भोजन योजना का लाभ देने को लेकर राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. नए नियम के अनुसार अब बिहार के मध्याह्न भोजन के पात्र कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के खाते में अब 358 रुपये नकद और आठ किलोग्राम खाद्यान्न मिलेगा. इसके साथ ही कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को खाते में प्रति विद्यार्थी अब 536 रुपये और 12 किलोग्राम खाद्यान्न दिया जायेगा. यह व्यवस्था मई, जून और जुलाई के लिए है. मध्याह्न भोजन निदेशक कुमार रामानुज ने इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारियों, कार्यक्रम पदाधिकारियों एवं मध्याह्न भोजन के नोडल अफसरों को सोमवार को जरूरी दिशा निर्देश दे दिये हैं. आधिकारिक पत्र में साफ किया गया है कि मध्याह्न भोजन की राशि विद्यालय शिक्षा समिति की तरफ से बच्चों के बैंक खाते में और खाद्यान्न स्कूल में अभिभावकों को दी जायेगी.

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कन्वर्जन कॉस्ट में वृद्धि

इससे पहले कक्षा एक से पांच तक बच्चों को 114.21 और कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को 171.41 रुपये दिये जाते थे. कन्वर्जन कॉस्ट के रूप में केंद्र से अभी तक प्राथमिक विद्यालय यानी पहली से पांचवी कक्षा तक 4.48 रुपये और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों मसलन कक्षा 6 से 8 तक 6.51 रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से भेजे जाते थे.

बता दें केंद्र ने हाल ही में कन्वर्जन कॉस्ट में वृद्धि कर दी है. अब प्राथमिक विद्यालय में 4.97 रुपये और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 7.45 रुपये प्रति छात्र के हिसाब से भेजे जा रहे हैं. मध्याह्न भोजन निदेशक कुमार रामानुज ने बताया कि कन्वर्जन कॉस्ट बढ़ने से यह दरें तय की गयी हैं.