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बिहार के इस ताकतवर आईएएस की सादगी देख आप भी रह जाएंगे हैरान, बिना बॉडीगॉर्ड के ठेले पर करते हैं नाश्ता

आपने देश भर में हजारों वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को देखा होगा जो लाव लश्कर के बिना घर से बाहर कदम भी नहीं रखते हैं, लेकिन आज हम आपको बिहार के एक ऐसे ताकतवर और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं,

Updated on: 30 Mar 2023, 04:14 PM

highlights

  • बिहार के इस पावरफुल IAS की सादगी देख रह जाएंगे दंग
  • सफाई वाले से लेकर रिक्शे वाले तक से करते हैं बात 
  • पावदान पर आसन और ठेले पर करते हैं नाश्ता

Patna:

आपने देश भर में हजारों वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को देखा होगा जो लाव लश्कर के बिना घर से बाहर कदम भी नहीं रखते हैं, लेकिन आज हम आपको बिहार के एक ऐसे ताकतवर और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी सादगी ताकत से भी बढ़कर है और यही कारण है कि वो चर्चाओं में बने रहते हैं. उनकी सादगी ऐसी है कि बिना किसी बॉडीगार्ड और तामझाम के वे जायजा लेने के लिए सड़क पर निकल पड़ते हैं. हम बात कर रहे हैं बिहार कैडर के 1991 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. एस सिद्धार्थ की, जो फिलहाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव हैं, साथ ही उनके पास कैबिनेट सचिव और वित्त विभाग की जिम्मेदारी भी है, लेकिन इस अफसर की सादगी ऐसी है कि मंगलवार को चैती छठ के सुबह में सूर्योदय का अर्घ्य देने के बाद दिन में मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा और फिर सचिवालय में वित्त विभाग का काम निपटा कर पहुंच गए भगवान बुद्ध की पावन धरती यानी गया, जिसको देख हर लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं.

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आपको बता दें कि डॉ. एस सिद्धार्थ बुधवार सुबह सड़कों पर आम लोगों के बीच पहुंचने के लिए निकले थे. यहां डॉ. सिद्धार्थ ने आम आदमी की तरह शहर की सफाई कर रहे नगर निगम के चालक से पहले बात की, फिर वहां से रिक्शा चालक के पास पहुंचे.साथ ही इस अधिकारी ने यह जानने की कोशिश की कि उनका जीवन कैसा चल रहा है, तो वहां के स्टाल पर लिट्टी और छोले का स्वाद चखने के बाद ठेठ देहाती गांव गवई के लोगों की तरह जग की तरफ जग का पानी पीते दिखे. दोपहर में गया सर्किट हाउस में नगर निगम आयुक्त व जिलाधिकारी के साथ बैठक कर भगवान बुद्ध के दर्शन व शांति पाठ करने के बाद सिद्धार्थ ने कई निर्देश दिए. बिहार के इस ईमानदार और साफ-सुथरी छवि वाले आईएएस अधिकारी की एक और खासियत है कि वह आम लोगों की समस्याओं पर गहरी नजर रखते हैं और उन्हें गरीबों और दलितों की समस्याओं को हल करने में बेहद खुशी मिलती है. जब बात बिहार के विकास की आती है तो उनकी सबसे ज्यादा दिलचस्पी इस बात में होती है कि कैसे कोई काम कम समय में बहुत अच्छा और जनता के लिए फायदेमंद हो सकता है. आज हर कोई उनके इस अंदाज का दीवाना है.