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मुजफ्फरपुर में अनोखी शादी, दुल्हन की विदाई पर रोया पूरा गांव; पढ़ें पूरी कहानी

आपने इन दिनों कई शादियां देखी होंगी, लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर में हुई एक शादी इन दिनों हर किसी के चर्चा में है. दरअसल, इस शादी में दुल्हन की विदाई पर न सिर्फ लड़की के माता-पिता बल्कि पूरा गांव रो पड़ा.

Updated on: 01 Jun 2023, 05:57 PM

highlights

  • मुजफ्फरपुर एक अनोखी शादी
  • बेटी के शादी में बाराती बना पूरा गांव
  • दुल्‍हन की व‍िदाई पर रोया पूरा गांव

 

Muzaffarpur:

आपने इन दिनों कई शादियां देखी होंगी, लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर में हुई एक शादी इन दिनों हर किसी के चर्चा में है. दरअसल, इस शादी में दुल्हन की विदाई पर न सिर्फ लड़की के माता-पिता बल्कि पूरा गांव रो पड़ा. बताया जा रहा है कि बेटियों के हाथ पीले करने में गरीबी और आर्थिक तंगी आड़े आ रही थी. बता दें कि सकरा प्रखंड के बाघनगरी में ग्रामीणों ने पैसे दान कर एक गरीब लड़की की शादी करा दी. विदाई के वक्त हर ग्रामीण की आंखें नम थीं. पैसे के अभाव में दूधनाथ शिव मंदिर में रात के समय बिना साज सज्जा के ही विवाह की रस्में निभाई गईं.

इसके साथ ही विशुनपुर बाघनगरी पंचायत अंतर्गत वार्ड चार निवासी मुन्ना झा की दो बेटियां हैं. मुन्ना झा मानसिक रूप से विक्षिप्त है. वहीं दूसरी ओर पत्नी मेहनत मजदूरी कर किसी तरह अपनी दोनों बेटियों और पति का भरण पोषण कर रही है. साथ ही बेटी की शादी के लिए पैसे नहीं होने से वह परेशान थी. इस पर गांव वालों ने तय किया कि गरीबी और आर्थिक तंगी को शादी में बाधक नहीं बनने देंगे; किसी ने धन की व्यवस्था की, किसी ने अनाज और दहेज की व्यवस्था की. साथ ही रात में बरात पहुंची और सभी वैवाहिक रस्में खुशी-खुशी संपन्न कराई गईं. 

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साथ ही आपको बता दें कि इस शादी में हर रस्म में गांव के लोग खड़े नजर आए, जब अंजलि को विदा किया गया तो पूरे गांव के लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े. इस शादी को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि, ''लड़की समाज की है, अगर माता-पिता पैसे के अभाव में उसकी शादी नहीं कर पा रहे हैं तो समाज को भी आगे आने की जरूरत है और अगर हर समाज में इस तरह का चलन हो जाए तो निश्चित तौर पर गरीब की बेटी घर में कुंवारी बनकर नहीं बैठेगी.'' साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि, ''यह प्रथम प्रयास था कि यदि यह सफल होता है तो निश्चित रूप से परिवर्तन की दिशा में समाज के सभी वर्गों के लोगों का सहयोग प्राप्त कर जिन लोगों की पुत्री का विवाह नहीं हो पा रहा है उन्हें सामाजिक सहयोग दिया जाएगा.''