Bihar News: बिहार के औद्योगिक विकास में एक और अहम अध्याय जुड़ने जा रहा है. उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने मंगलवार को बिहटा के औद्योगिक क्षेत्र में एक साथ चार इकाइयों का उद्घाटन किया. इससे इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और आर्थिक प्रगति को बल मिलेगा. यहां नई इकाई डी वेगा बांड का संचालन डीवी रंजन के स्तर से किया जाएगा. इस परियोजना में 3 करोड़ रुपये का निवेश है. इसके माध्यम से करीब 250 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय युवाओं को विशेष रूप से लाभ मिलेगा. मंत्री ने कहा, 'यह बिहार के औद्योगिक परिक्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा. हमारी नीतियां बहुत आकर्षक हैं और लोग निवेश कर रहे हैं. इसके लिए कई निवेशकों ने इच्छा भी जताई है. यहां तीन इकाइयों का उद्घाटन हुआ और एक का शिलान्यास किया गया, जो बड़ी बात है.'
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेंगे
इस मौके पर उद्योग विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने कहा कि बिहार बिजनेस कनेक्ट के समय जो एमओयू (MOU) साइन हुए थे. उन्हीं में तीन इकाइयों का शनिवार को उद्घाटन और एक इकाई का शिलान्यास हुआ है. हमने पूर्व में जो काम किए हैं, भविष्य में उसको साकार करने का प्रयास निरंतर जारी है. इसी तरह, अन्य औद्योगिक इकाइयों की भी स्थापना हो रही है. एंजल्स प्राइवेट लिमिटेड जिसकी मालकिन अंजू सिंह हैं. इन्होंने 2.34 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे 53 तरह के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेंगे. वहीं, अनामिका की आइकॉन स्पाइरल इकाई ने 5 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिससे 30 तरह के अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे. साथ ही ज्ञानचान्दनी के स्तर से संचालित नमस्ते इंडिया एनआईएफ प्राइवेट लिमिटेड में 350 करोड़ का निवेश किया गया, जो करीब 800 रोजगार के अवसर मुहैया कराने वाला होगा. इन इकाइयों में बैगपैक, स्कूल बैग, अस्पताल और स्कूल यूनिफार्म, स्पोर्ट्स और फैशन वियर, लैपटॉप और डेस्कटॉप के उपकरण के अलावा डेरी उत्पादो का उत्पादन होगा. इस मौके पर डीवी रंजन की मालकिन प्रियंका रंजन ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य है कि हमारे बच्चे यहीं के बने बैग लेकर स्कूल जाएं. साथ ही उन्होंने कहा कि हम हर गांव से 50 बच्चे गोद लेंगे, जो पहली बार जब स्कूल जायेंगे तो हमारा ही बैग लेकर जाएंगे.
उद्देश्य लोकल मैन्यूफ़ैक्चरिंग को बढ़ावा देना है
वहीं एंजल्स प्राइवेट लिमिटेड की ओनर अंजू सिंह बताती हैं कि वे दिल्ली में पहले से वो काम करती थीं, लेकिन बिहारी होने के नाते बिहार में भी काम करना चाहती हैं. ताकि यहां की महिलाओं को रोजगार मिल सके. उन्होंने बताया कि भविष्य में वे यार्न निर्माण की फैक्ट्री लगायेंगे, जिससे यहां के उत्पाद विदेशों तक पहुच सके. आइकॉन स्पाइरल के मालिक अनुपम ने बताया कि इस कंपनी के दोनों ही मालिक बिहारी हैं, तो बिहार के लिए कुछ करना उनका फर्ज बनता है. उन्होंने कहा कि इस इकाई को स्थापित करने की पीछे उनका उद्देश्य लोकल मैन्यूफ़ैक्चरिंग को बढ़ावा देना है. नमस्ते इंडिया जो बिहार में नमस्ते बिहार के नाम से अपने उत्पाद लेकर आ रहा है, उनके मालिक ने बताया कि पहले से हम बिहार में 10 साल से मौजूद हैं. उनकी सारी प्रक्रिया बहुत जल्दी हो गई और सरकार की तरफ से उनके फैक्ट्री को स्थापित करने में कोई परेशानी नहीं आई. यह औद्योगिक विस्तार न केवल स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के नए स्रोत खोलेगा, बल्कि बिहटा को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित होगा.