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बाढ़ थर्मल पावर प्लांट के स्टेज-1 की तीसरी इकाई हुई सिंक्रोनाइज Photograph: (Social Media)
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Bihar News: बिहार के बाढ़ में स्थित राज्य के पहले सुपर पॉवर थर्मल प्लांट के स्टेज-1 की तीसरी इकाई को सिंक्रोनाइज कर दिया. ये इकाई को अगले सप्ताह से 72 घंटे के लिए पूरी क्षमता के साथ चलाया जाएगा.
बाढ़ थर्मल पावर प्लांट के स्टेज-1 की तीसरी इकाई हुई सिंक्रोनाइज Photograph: (Social Media)
Bihar News: बिहार के बाढ़ में स्थित राज्य के पहले सुपर पॉवर थर्मल प्लांट के स्टेज-1 की तीसरी इकाई को शुक्रवार को सिंक्रोनाइज कर दिया. यह प्लांट सीएम नीतीश कुमार की पहल पर स्थापित किया गया है. इस पॉवर थर्मल प्लांट को 26 मार्च से 72 घंटे के लिए पूरी क्षमता के साथ चलाया जाएगा. जिससे इस नई इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया जा सके. इसके बाद बाढ़ सुपर पॉवर थर्मल प्लांट के स्टेज-1 के तीन और स्टेज-2 की दो इकाई पूरी तरह से बिजली का उत्पादन करना शुरू कर देंगी.
बता दें कि इस थर्मल पॉवर प्लांट के स्टेज-1 में बनी तीन इकाईयों में प्रत्येक से 660 मेगावाट क्षमता की हैं. वहीं स्टेज-2 की दो इकाईयों की भी क्षमता 660 मेगावाट है. यानी स्टेज-1 की तीनों इकाईयों से कुल 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. जबकि दूसरे स्टेज की दो इकाईयों से 1320 मेगावाट बिजली बनेगी. इससे बिहार को स्टेज-1 की तीनों इकाईयों से 61 फीसदी यानी 1202 मेगावाट मिलेगी, जबकि स्टेज-2 की दो इकाईयों से 87 फीसदी यानी 1153 मेगावाट बिजली की सप्लाई की जाएगी.
इस मौके पर राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि, बाढ़ थर्मल पावर प्लांट बिहार की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के बेहतर नेतृत्व और राज्य में सुशासन की वजह से ही ये संभव हो पाया है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य को निर्बाध एवं सस्ती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि, व्यापार और घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा. बता दें कि बाढ़ विद्युत ताप परियोजना का सफल क्रियान्वयन बिहार को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
बता दें कि इस थर्मल स्टेशन की आधारशिला साल 1999 में रखी गई थी. उस समय नीतीश कुमार केंद्र सरकार में मंत्री थे. पहले इसमें 660 मेगावाट की सिर्फ तीन यूनिटें बनाने की योजना थी. लेकिन इसके बाद इसके दूसरे चरण को मंजूर करते हुए 660 मेगावाट की दो अतिरिक्त यूनिटों को बढ़ाया गया. इस तरह इस संयंत्र के स्टेज-1 में तीन तथा स्टेज-2 में दो यूनिटें बनाने की योजना बनाई गई. जो अब पूरी हो चुकी हैं.