शेखपुरा सदर प्रखंड के गांवों में पानी की भारी किल्लत है. खासकर सुदासपुर और बाजितपुर गांव में इसका असर बड़े पैमाने पर पड़ा है. इन गांवों की करीब साढ़े तीन सौ की आबादी की प्यास खेतों में बनी एक बोरिंग से बुझती है. बिहार में गर्मी के प्रचंड रूप ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. चिलचिलाती धूप और तपिश से हाल बेहाल हो गया है. वैसे तो गर्मी की मार लगभग हर जिले में पड़ रही है, लेकिन शेखपुरा की जनता के लिए ये मार दोहरी है. क्योंकि यहां गर्मी के साथ ही पानी की भी किल्लत है.
गर्मी और पानी की किल्लत की दोहरी मार
शेखपुरा सदर प्रखंड के गांवों में अप्रैल की शुरूआत से ही पानी की समस्या सामने आने लगी थी और आज तक इसका निदान नहीं हो सका है. खासकर सुदासपुर और बाजितपुर गांव में तो हालात बदतर हो गए हैं. इन गांवों की करीब साढ़े तीन सौ की आबादी की पानी के लिए खेतों में लगे बोरिंग पर निर्भर है. वहां पहुंचने के लिए भी उन्हें पहाड़ों होकर गुजरना पड़ता है तब जाकर उन्हों दो बूंद पानी नसीब होता है. इस प्रखंड में ज्यादातर आदिम जनजाती के लोग रहते हैं. जिन्हें पानी के साथ ही दूसरी सरकारी योजनाएं भी नहीं मिलती है. सरकार की ओर से तो योजनाएं लागू कर दी जाती है, लेकिन वो सिर्फ फाइलों तक सिमट कर रह जाती है.
शासन-प्रशासन के दावे हुए हवा-हवाई
पानी की किल्लत सिर्फ शेखपुरा की समस्या नहीं है. बिहार के कई जिले में हालात ऐसे ही है. ऐसे भी नहीं है कि इस साल ही ये समस्या सामने आ गई है. हर साल गर्मी की दस्तक के साथ पानी के लिए जद्दोजहद शुरू हो जाती है, लेकिन शासन और प्रशासन हर बार हाथ पर हाथ धरे बैठा रहता है.
रिपोर्ट : धर्मेंद्र कुमार
HIGHLIGHTS
- पीने के पानी को लेकर मचा हाहाकार
- बोरिंग से प्यास बुझाने को मजबूर ग्रामीण
- सदर प्रखंड के गांवों में पानी की भारी किल्लत
- आदिम जनजातियों वाले गांवों में भारी समस्या
Source : News State Bihar Jharkhand