अपराधियों की काली कमाई की जब्ती को मिलेगी नई रफ्तार, काली कमाई जब्त कर पीड़ित परिवारों की मदद करेगी सरकार. स्पीडी ट्रायल को रफ्तार देने के लिए राज्य के सभी जिलों में गठित होंगे फास्ट ट्रैक कोर्ट. डीजीपी विनय कुमार ने कहा, पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं, भ्रष्ट पुलिस कर्मियों की बेधड़क शिकायत दर्ज कराएं नागरिक अपराध की दुनिया से बेशुमार संपत्ति अर्जित करने वाले अपराधियों की अब खैर नहीं. ऐसे अपराधी अपराध के रास्ते अकूत संपत्ति अर्जित कर उसका इस्तेमाल न्यायालय से खुद को बेगुनाह साबित कराने में करते रहे हैं. उन्हें अब उनकी अवैध संपत्ति भी निर्दोष साबित नहीं करा सकेगी. राज्य पुलिस मुख्यालय ने ऐसे अपराधियों की काली कमाई को जब्त करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-107 को अपना खास हथियार बना लिया.
बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार के अनुसार, भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी पुलिस अधिकारी या कर्मी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर किसी व्यक्ति से कोई भी पुलिस अधिकारी या कर्मी रिश्वत की मांग करता है, तो इसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई, आर्थिक अपराध इकाई या फिर सीधे राज्य पुलिस मुख्यालय में दर्ज कराई जा सकती है.
उन्होंने कहा कि अपराधियों को सजा दिलाने के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय की तरफ से जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रस्ताव तैयार किया है. राज्य के सभी जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करके न केवल अपराधियों को उनके किए की तुरंत सजा दिलाने की व्यवस्था होगी, बल्कि इससे निर्दोष लोगों के साथ-साथ पीड़ितों को भी तुरंत न्याय मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में कुल सौ फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाएगा.
कानून में जोड़े गए नए प्रावधानों से अब यह काम आसान हो गया
राज्य के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार सोमवार को सरदार पटेल भवन स्थित राज्य पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बीते साल जुलाई माह में देश भर में बीएनएसएस लागू होने से पहले ऐसे अपराधियों की काली कमाई को जब्त करने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता था. मगर कानून में जोड़े गए नए प्रावधानों से अब यह काम आसान हो गया है. पहले इसके लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के स्तर पर कार्रवाई करनी पड़ती थी.
ईडी की व्यस्तताओं के कारण अपराधियों की संपत्ति जब्त करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था. अब डीएसपी स्तर के पुलिस अफसर को यह शक्ति प्राप्त है, जिससे वे खुद अपराधियों की काली कमाई को जब्त करने का प्रस्ताव न्यायालयों को दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 1249 थाने हैं. इन थानों में ऐसे पेशेवर अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए कुल 1172 अपराधियों को चिन्हित किया गया है. उन्होंने कहा कि चिन्हित अपराधियों में से 239 अपराधियों के विरुद्ध अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं और उनकी संपत्ति जब्ती की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इनमें 188 अपराधियों के विरुद्ध न्यायालयों में प्रस्ताव समर्पित कर दिया गया है.
भ्रष्ट पुलिस कर्मियों की बेधड़क शिकायत
डीजीपी के अनुसार, थानों से भ्रष्टाचार की शिकायतें अक्सर प्राप्त मिलती रहती हैं. वहीं पुलिस मुख्यालय भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर संकल्पित है. उन्होंने कहा कि यदि कोई भी पुलिस अधिकारी या कर्मी किसी भी मामले में सहायता करने के नाम पर रिश्वत की मांग करता है तो इसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई, आर्थिक आप्तध इकाई या सीधे राज्य पुलिस मुख्यालय से की जा सकती है. उन्होंने कहा कि भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि निगरानी ब्यूरो द्वारा इस वर्ष जनवरी से 12 जून के बीच कुल एक दर्जन पुलिस पदाधिकारियों पुलिस पदाधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा चुका है. इतना ही नहीं, राज्य के विभिन्न जिलों माना इस वर्ष जनवरी से मई माह के बीच कुल 22 पुलिस कर्मियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. इनमें कुल 15 पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर कोर्ट को अग्रसारित कर दिया गया है. साथ ही कुल 66 पुलिस कर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है.