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बक्सर: 72 घंटे के अंदर शराब कारोबारियों ने पुलिस टीम पर दूसरी बार किया जानलेवा हमला, जानें

बिहार के बक्सर जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां बिहार में शराबबंदी का कानून साल 2016 से लागू है, इसके बाद भी शराब कारोबारी पुलिस से बचते हुए यह कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैं.

Updated on: 04 Aug 2023, 04:22 PM

highlights

  • बक्सर में फिर पुलिस टीम जानलेवा हमला
  • 72 घंटे के अंदर दूसरी बार हुआ हमला
  • थानेदार समेत एक सिपाही घायल 

 

 

 

Buxar:

बिहार के बक्सर जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां बिहार में शराबबंदी का कानून साल 2016 से लागू है, इसके बाद भी शराब कारोबारी पुलिस से बचते हुए यह कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैं. अब आलम यह है कि इन शराब तस्करों पर नकेल कसने के लिए कार्रवाई करने आ रही पुलिस टीम पर भी शराब तस्कर हमला करने से नहीं हिचक रहे हैं. बता दें कि पिछले 72 घंटे के अंदर जिले के सिमरी थाना के बाद अब सोनवर्षा थाना क्षेत्र के मौडीहा गांव में पुलिस टीम पर अनुसूचित बस्ती के लोगों ने ईंट पत्थर से हमला कर दिया, जिसमें थानेदार सुनील कुमार का हाथ टूटा हुआ बताया गया है. 

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इसके साथ ही मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को जब सिमरी थाने की पुलिस शराब तस्करी की सूचना पर बलिहार गांव में छापेमारी करने पहुंची तो अनुसूचित बस्ती के लोगों ने पुलिस टीम पर ही हमला कर दिया, जिसमें आधा दर्जन पुलिस शामिल थी. कर्मी मामूली रूप से घायल हो गये. साथ ही पुलिस टीम को बड़े अधिकारियों के निर्देश पर वापस लौटना पड़ा। इस घटना के 72 घंटे के अंदर सोनवर्षा थाना क्षेत्र के मौडीहा गांव में शराब पीकर हंगामा करने की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम पर अनुसूचित बस्ती के लोगों ने हमला कर दिया, जिसमें थानेदार सुनील कुमार का हाथ  टूटा हुआ बताया जा रहा है, जबकि एक सिपाही को भी गंभीर चोटें आई हैं.

क्या कहते हैं एक्स एसपी

इसके साथ ही इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए एसपी मनीष कुमार ने बताया कि, सोनवर्षा थानेदार और एक सिपाही को चोट आयी है. इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. साथ ही हमलावर की पहचान कर उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. गौरतलब है कि जिले के पांच प्रखंड चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपार प्रखंड के सैकड़ों गांव उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हैं, जहां शराब तस्कर गंगा नदी के रास्ते शराब का कारोबार करते हैं और दिनदहाड़े ग्रामीण इलाकों में सप्लाई करते हैं, जिसे रोकना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.